Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 02:25 PM
सूफियां चौक स्थित अमरसन पोलिमर्स की फैक्टरी में आग लगने के बाद बिल्डिंग गिरने कारण एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत होने के मामले में अवैध निर्माण के सवालों से धीरे-धीरे पर्दा उठने लगा है। इसके तहत नगर निगम द्वारा जहां 2 दिन से नक्शे का कोई रिकार्ड न...
लुधियाना(हितेश): सूफियां चौक स्थित अमरसन पोलिमर्स की फैक्टरी में आग लगने के बाद बिल्डिंग गिरने कारण एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत होने के मामले में अवैध निर्माण के सवालों से धीरे-धीरे पर्दा उठने लगा है। इसके तहत नगर निगम द्वारा जहां 2 दिन से नक्शे का कोई रिकार्ड न होने का दावा किया जा रहा था। वहीं, बुधवार को 2013-14 की प्रापर्टी टैक्स रिटर्न से नया खुलासा हो गया है, जिसमें खुद फैक्टरी मालिक ने निगम के सामने 2 मंजिला बिल्डिंग बनी होने की बात कबूली हुई हैं। इससे बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों द्वारा किया जा रहा 2 दशक पुराना निर्माण होने का दावा झूठा साबित हो गया।
वर्णनीय है कि हादसे की जांच करने पहुंचे डिवीजनल कमिश्नर वी.के. मीणा ने फैक्टरी बारे नगर निगम का रिकार्ड तलब किया है। इसके तहत प्रापर्टी टैक्स रिटर्नों को चैक किया तो पता चला कि मालिक ने 2013-14 के लिए दो मंजिलों का प्रापर्टी टैक्स भरा हुआ है। लेकिन जो बिल्डिंग आग लगने के बाद धराशायी हुई, वह पांच मंजिला बताई जा रही है। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि बाकी की 3 मंजिलें 2013-14 के बाद बनी है। जबकि जोन बी के ए.टी.पी. हरविन्द्र सिंह लगातार दावा कर रहे थे कि बिल्डिंग 15 से 25 साल पुरानी है।
यहां तक कि गत दिवस 17 साल का रिकार्ड चैक करने पर कोई नक्शा न मिलने की जानकारी भी बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों द्वारा ही मीडिया को दी गई। अगर नक्शा पास नहीं है तो अवैध निर्माण के आरोप में चालान डालने का भी कोई जवाब निगम के पास नहीं है। हालांकि प्रापर्टी टैक्स रिकार्ड सामने आने पर बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों से वह बहाना जरूर छिन गया है जिसमें वह बायलॉज लागू होने यानी कि 1997 से पहली बिल्डिंग बनी होने कारण कवरेज संबंधी नियमों का पालन न करवाने के आरोपों से बचने की कोशिश कर रहे थे।