भाजपा ने अमृतसर में सिख उम्मीदवार उतारा है, 2014 की हार का बदला लेंगे: हरदीप पुरी

Edited By Vatika,Updated: 15 May, 2019 05:02 PM

lok sabha election 2019

अपना पहला चुनाव इस पवित्र नगर से लड़ने को लेकर उत्साहित केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भाजपा 2014 की हार का अपना बदला लेगी क्योंकि उसने एक सिख उम्मीदवार को उतारा है और समुदाय का वोट ‘‘निश्चित तौर पर एकजुट'''' हो रहा है। राजनयिक से नेता बने...

अमृतसर: अपना पहला चुनाव इस पवित्र नगर से लड़ने को लेकर उत्साहित केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भाजपा 2014 की हार का अपना बदला लेगी क्योंकि उसने एक सिख उम्मीदवार को उतारा है और समुदाय का वोट ‘‘निश्चित तौर पर एकजुट'' हो रहा है। राजनयिक से नेता बने हरदीप पुरी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि अमृतसर ने 2014 में कांग्रेस के कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चुना जो सांसद होने के बावजूद तीन वर्ष तक यहां पर नहीं आए।
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2014 के लोकसभा चुनाव में अमरिंदर सिंह ने अमृतसर से भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली को एक लाख से अधिक वोट से हरा दिया था। 2017 में पंजाब का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद सिंह ने लोकसभा सदस्य के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। पुरी ने मीडिया से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘2014 में ऐसी उम्मीद थी कि मोदीजी प्रधानमंत्री बनेंगे...देखिए अमृतसर ने जो मौका गंवाया? जहां भी मैं जाता हूं लोग मुझे कहते हैं कि उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनकर एक बड़ी गलती की जो अमृतसर नहीं आए।'' पुरी ने कहा कि पार्टी 2014 की अपनी हार का ‘‘बदला'' लेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर है। इस सवाल पर कि भाजपा के एक हिंदुत्व पार्टी होने की धारणा का सिख बहुल अमृतसर में क्या असर पड़ेगा, पुरी ने कहा, ‘‘भाजपा सभी समुदायों के लिए है...और मैं एक सिख चेहरा हूं...पार्टी ने एक सिख उम्मीदवार को उतारा है और सिख समुदाय का वोट निश्चित तौर पर एकजुट हो रहा है। स्थिति काफी हद तक हमारे पक्ष में है।''
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आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सिख देशभक्त और विकास के पैरवीकार होते हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमृतसर में 2019 का लोकसभा चुनाव 2014 से अलग है। पुरी ने कहा, ‘‘अब सत्ता विरोधी लहर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ है जो मजबूत हो रही है। 1984 सिख नरसंहार मुद्दा है जिसे सैम पित्रोदा द्वारा और अधिक जटिल बना दिया गया है।'' कांग्रेस नेता पित्रोदा ने सिख विरोधी दंगों पर अपनी ‘‘हुआ तो हुआ'' टिप्पणी से विवाद उत्पन्न कर दिया था। टिप्पणी की भाजपा के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कड़ी निंदा की गई। गांधी ने उनसे माफी मांगने के लिए भी कहा। पुरी ने कहा कि ‘‘हुआ तो हुआ'' रुख पूर्ण असंवेदनशीलता दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कांग्रेस को वास्तव में कुछ जवाब देना है।'' पुरी का सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला से है जो 2017 में अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद यहां से चुनाव जीते थे। अमृतसर में मतदान लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को होगा।

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