Edited By Updated: 10 Apr, 2017 12:12 PM
पंजाब में विधानसभा चुनाव में मिली हार ने जहां गुजरात और ओडिशा में पार्टी को कामयाबी मिलने पर सवालिया निशान लगा दिया है, वहीं 2019 में अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों पर भी ताला जड़ गया है।
जालंधरः पंजाब में विधानसभा चुनाव में मिली हार ने जहां गुजरात और ओडिशा में पार्टी को कामयाबी मिलने पर सवालिया निशान लगा दिया है, वहीं 2019 में अरविंद केजरीवाल के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों पर भी ताला जड़ गया है।
उक्त विचार आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने लायंस क्लब में पार्टी की मीटिंग दौरान व्यक्त किए। मीटिंग में पार्टी नेताओं ने दिल्ली की लीडरशिप पर खुलकर हमला बोला। पार्टी को दिल्ली से आजाद करने की भी बात हुई। कहा गया कि दिल्ली में पड़ोसी एक-दूसरे को नहीं जानते।
इस मौके ट्रेडविंग के प्रधान बलजीत सिंह आहलुवालिया ने बताया कि ‘एक समय ऐसा गया था जब हैनरी के पुत्र कांग्रेस के 25 काऊंसलरों के साथ आप में शामिल होने वाले थे। संजय सिंह ने देरी कर दी और वह जॉइन नहीं कर पाए। जब पार्टी पर आरोप लग रहे थे कि विदेशों से खालिस्तान समर्थक फंड भेज रहे हैं तब भी पार्टी नेता उन आरोपों के जवाब नहीं दे पाए। जबकि ऐसी कोई बात हुई ही नहीं थी।
पार्टी मीटिंग में सेंट सोल्जर की छात्रा नोबल ने विधायक खैहरा को स्कूलों द्वारा ली जा रही ज्यादा फीस के विरोध में मांगपत्र दिया जिसमें लिखा था कि प्राइवेट स्कूल माफिया बच्चों के माता-पिता को लूट रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। जल्द फीसों को रेगुलराइज किया जाए।