Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 11:42 AM
‘जल ही जीवन है’ को लेकर भारत विकास परिषद हाजीपुर द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें प्रत्येक गांव की चौपाल पर, स्कूल, कालेज, धार्मिक व सामाजिक संगठनों के मध्य उक्त विषय पर विचार गोष्ठी की जा रही है।
मुकेरियां(स.ह.): ‘जल ही जीवन है’ को लेकर भारत विकास परिषद हाजीपुर द्वारा एक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें प्रत्येक गांव की चौपाल पर, स्कूल, कालेज, धार्मिक व सामाजिक संगठनों के मध्य उक्त विषय पर विचार गोष्ठी की जा रही है।
इस संदर्भ में भा.वि.प. के प्रांतीय प्रतिनिधि कमांडर संसार चंद शर्मा तथा प्रिंसीपल चौधरी बंसी लाल ने ब्यास नदी के तटीय गांव हंदवाल के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल में प्रिंसीपल जोगिंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुए आयोजन पर जन समूह को बताया कि मौसम चक्र में बदलाव और भूमिगत जल के स्तर में तीव्र गिरावट ने एक खतरे की घंटी बजा दी है। भू-जल वैज्ञानिकों के अनुसार 2050 तक पेयजल की इतनी कमी आ जाएगी कि पीने के पानी का आयात करना पड़ेगा।
इस बात की पुष्टि करते हुए उक्त वक्ताओं ने लातूर महाराष्ट्र की उदाहरण दी और कहा कि वहां ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि लोगों ने घरों को ताले लगाने छोड़कर पानी की टैंकियों पर ताले व पहरे देने आरंभ कर दिए हैं। उन्होंने उपस्थिति को पानी की एक-एक बूंद बचाने के कई सूत्र दिए।
अन्य बंधुओं ने भी लिया भाग
मानव जीवन में पानी की महत्ता बताते हुए वाइस पिं्रसीपल शाम सुंदर शर्मा, प्रधान सतपाल शर्मा, वित्त सचिव बिहारी लाल शर्मा, परिषद के उपाध्यक्ष सरूप सिंह, सुरिंद्र मोहन शर्मा, विजय शर्मा, पूर्व एस.डी.ओ. साहिब सिंह, कमल धवन, रणधीर सोनी, कुलदीप सिंह, चौधरी विनोद, एडवोकेट रोहित स्वराज ने कहा कि जो कदम जल व पर्यावरण की रक्षा हेतु आज हम उठा रहे हैं, ये 20 वर्ष पूर्व ही उठाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि देर आए दुरुस्त आए को मान कर आज ही हम सभी प्रतिज्ञा करें कि पानी की एक-एक बूंद को बचाना हमारा कर्म व धर्म है।