High Court ने Cancer की भयानक बीमारी को लेकर जारी किए ये आदेश

Edited By Kamini,Updated: 07 Feb, 2024 02:58 PM

high court issued these orders regarding the dreadful disease of cancer

पंजाब के लोग कैंसर की भयानक बीमारी की चपेट में आ रहे जिसे लेकर पंजाब सरकार भी गंभीर है। पंजाब में इस बीमारी के कई मामले बढ़ रहे हैं। इस बीमार को मात देने के लिए अब नई रणनीति पर काम होगा।

पंजाब डेस्क: पंजाब के लोग कैंसर की भयानक बीमारी की चपेट में आ रहे जिसे लेकर पंजाब सरकार भी गंभीर है। पंजाब में इस बीमारी के कई मामले बढ़ रहे हैं। इस बीमार को मात देने के लिए अब नई रणनीति पर काम होगा। मिली खबर के अनुसार इसके लिए पंजाब के भू-जल में यूरेनियम की जांच की जाएगी। जांच का काम भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर ( BARC) द्वारा किया जाएगा।

गौरतलब है कि 14 साल से लंबित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब दोआबा व माझा के एक-एक जिले में जांच के आदेश BARC को दिए हैं, जिसके चलते अब मालवा के साथ-साथ दोआबा व माझा के क्षेत्रों में भी भू-जल यूरेनियम की जांच होगी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि ये समस्या केवल मालवा तक सीमित नहीं है इसके लिए बाकी के क्षेत्रों में जांच होना जरूरी है। इस जांच के रिजल्ट को हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा। यह मामला साल 2010 में उस समय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था, जब राज्य में कैंसर ने पैर पसारने शुरू किए थे। वहीं, मालवा इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक था। 2010 में मोहाली के निवासी बृजेंद्र सिंह लुंबा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मालवा क्षेत्र में भू-जल में यूरेनियम व बढ़ते कैंसर के मुद्दे को उठाया था। 

हाईकोर्ट के आदेशों पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) ने 4 जिलों बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट व मानसा में 1500 पानी के सैंपल लिए थे। इनमें से 35% सैंपलों में यूरेनियम अधिक मिला और बठिंडा जिला इसकी चपेट में अधिक पाया गया था। नियमों के मुताबिक पीने के पानी में यूरेनियम की मात्रा 60 पार्ट्स प्रति बिलियन (PPB) से अधिक नहीं होनी चाहिए। लेकिन बठिंडा जिले में 10 गुणा से अधिक 684 पीपीबी पाई गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में इस मामले की लगातार सुनवाई हुई, जिसमें सरकार को लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की जानकारी दी।

इस मामले में गत 1 फरवरी को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में एडवोकेट रुपिंदर सिंह खोसला ने कहा कि पानी की जांच सिर्फ मालवा में हो रही है अन्य क्षेत्रों में नहीं। इस मौके पर हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर दोआबा व माझा के एक -एक जिले में जांच की रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में सौंपने को कहा। सुनवाई के दौरान एडवोकेट ने हाईकोर्ट को बताया कि बठिंडा में पानी भाखड़ा नहर से आता है और इसकी सप्लाई बठिंडा के लोगों को स्वच्छ जल के माध्यम के तौर पर की जा सकती है। थर्मल प्लांट बंद होने के बाद भी झीलों का अभी कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। कंटोनमेंट में भी भाखड़ा से ही पानी की सप्लाई हो रही है।

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