Edited By Subhash Kapoor,Updated: 11 Dec, 2021 04:42 PM
अब जीवनसंगिनी की कॉल रिकार्डिंग करना पति के लिए भारी पड़ सकता है क्योंकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जीवनसंगिनी की मर्जी के बगैर उसकी कॉल रिकार्डिंग करना और उस रिकार्डिंग को सबूत के तौर पर अदालत में पेश करने पर रोक लगा दी है।
चडीगढ़ : अब जीवनसंगिनी की कॉल रिकार्डिंग करना पति के लिए भारी पड़ सकता है क्योंकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जीवनसंगिनी की मर्जी के बगैर उसकी कॉल रिकार्डिंग करना और उस रिकार्डिंग को सबूत के तौर पर अदालत में पेश करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि पत्नी की मर्जी के बगैर काल रिकार्डिंग करना प्राइवेसी का हनन माना जाएगा जिसके तहत सजा का प्रावधान भी रखा गया है। ज्यादातर केसों में पत्नी की किसी परिवारजन के साथ हुई बातचीत की रिकार्डिंग को अदालत में सबूत के तौर पर पेश कर दिया जाता रहा है, जिस पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी की काल रिकार्डिंग को सबूत के तौर पर पेश करना मान्य नहीं होगा।
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