Edited By Suraj Thakur,Updated: 11 Jan, 2019 12:55 PM
![guru govind singh performed long chandi yagna at naina devi](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2019_1image_12_27_086442610guru-gobind-singh-ji.jp-ll.jpg)
गुरु गोबिंद सिंह जी के पास देवी मां भवानी की भेंट की हुई तलवार थी। यह तलवार उन्हें देवी मां ने शत्रुओं का विनाश करने के लिए दी थी।
जालंधर। देश में हिंदुओं और सिखों के कई धार्मिक स्थल सांझे हैं। हिमाचल के नयना देवी और मणिकर्ण इसके सर्वविदित उदाहरण हैं। आगामी रविवार को दसवें गुरू गोबिंद सिंह जी जयंती है। इस मौके पर आपको बताने जा रहे हैं कि गुरु गोबिंद सिंह जी के पास देवी मां भवानी की भेंट की हुई तलवार थी। यह तलवार देवी मां ने उन्हें शत्रुओं का विनाश करने के लिए दी थी। पढ़ें कैसे गुरू जी को मिली थी यह तलवार...![PunjabKesari](https://static.punjabkesari.in/multimedia/12_27_459126610nayana-devi1-ll.jpg)
एक साल तक किया था हवन...
प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयना देवी हिमाचल के बिलासपुर जिला में है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक मां सती के इस पावन स्थल पर नयन गिरे थे। जिसके बाद इस स्थल का नाम ही नयना देवी पड़ गया। बताते हैं कि नयना देवी में गुरु गोबिंद सिंह जी ने शत्रुओं का विनाश करने के लिए एक वर्ष तक देवी मां की कठिन तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने रोजाना देवी मां की स्तुति में हवन किया। गुरु जी ने देवी मां के मंदिर में हवन और यज्ञ करने के लिए बनारस के एक पंडित को बुलाया था।
गुरू गोबिंद सिंह जी ने लिखे देवी मां की स्तुति में 26 छंद...
ऐसा कहा जाता है कि एक साल की तपस्या के बाद प्रसाद के रूप में मां भवानी ने गुरु गोबिंद सिंह जी को तलवार भेंट की थी। मां भवानी ने गुरू जी को विजयी भव का आशीर्वाद देते हुए कहा था कि उनका पंथ सदैव इस धरती पर मौजूद रहेगा। देवी मां की पूजा अर्चना करने के लिए गुरू गोबिंद सिंह ने 26 छंद भी लिखे हैं। जिसे पढ़कर सिख समुदाय के लोग पूजा अर्चना भी करते हैं।
ताम्र पत्र पर दिया था हुक्कमनामा...
नयना देवी में समय बिताने के बाद गुरू गोबिंद सिंह आनंदपुर साहिब चले गए थे। वहां जाने से पहले उन्होंने मंदिर के पुरोहित को एक ताम्र पत्र पर अपने तीर की नोक से हुक्कमनामा लिखकर दिया था। यह ताम्र पत्र आज भी मंदिर के पुराहित के पास उनके बुजूर्गों की विरासत के रूप में मौजूद है। नयना देवी में सिख समुदाय की गहरी आस्था है। नवरात्रों में हर साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं में 60 फीसदी सिख समुदाय के लोग होते हैं।