गुरबाणी के गूढ़ अर्थों को समझने के लिए शुद्ध उच्चारण अति जरूरी : भाई लौंगोवाल

Edited By Anjna,Updated: 06 Jul, 2018 12:14 PM

gobind singh longowal

श्री दरबार साहिब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा शुरू किए गए पाठ बोध समागम की समाप्ति पर आज धार्मिक समारोह करवाए गए, जहां बड़ी संख्या में पाठीसिंहों का सम्मान किया गया।

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): श्री दरबार साहिब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा शुरू किए गए पाठ बोध समागम की समाप्ति पर आज धार्मिक समारोह करवाए गए, जहां बड़ी संख्या में पाठीसिंहों का सम्मान किया गया।

उल्लेखनीय है कि श्री दरबार साहिब श्री मुक्तसर साहिब में 1 जून से शुरू हुए गुरबाणी पाठबोध समागम आज समाप्त हो गए। इन समागमों दौरान ग्रंथी सिंहों को गुरबाणी पाठ की ‘साकियां’दी गई। समाप्ति समारोह मौके शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के अलावा बड़ी संख्या में सिख शख्सियतों ने शिरकत की। करीब 1 महीना चार दिन चले इस समागम दौरान जहां अलग-अलग सिख विद्वानों ने ग्रंथी सिंहों को गुरबाणी की ‘साकियां’ दी, वहीं सिख मर्यादा बारे भी जानकारी दी। अंतिम दिन पाठी सिंहों को सम्मानित किया गया। अलग-अलग वक्ताओं ने गं्रथी सिंहों को घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों के खात्मे में ग्रंथी  सिंह अहम योगदान दे सकते हैं।

समागम में लगातार एक महीना ‘साकियां’ लेने वाले 325 ग्रंथी सिंहों को सम्मानित किया गया।इस समय ज्ञानी गुरबचन सिंह जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने कहा कि पाठ ज्ञान समागम एक बढिय़ा उद्यम है और ग्रंथी सिंह गुरबाणी और इतिहास के अलावा सिख मर्यादा संबंधी भी पूरी जानकारी हासिल कर रहे हैं। समागम दौरान तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने गांवों के ग्रंथी और अखंड पाठी सिंहों को गुरबाणी के पाठ ज्ञान के साथ जोडऩे के लिए शिरोमणि कमेटी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल के इस उद्यम को समय की जरूरत बताया। इस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि गुरबाणी के गूढ़ अर्थों को समझने के लिए गुरबाणी का शुद्ध उच्चारण अति जरूरी है।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी की तरफ से गुरबाणी पाठ ज्ञान समागमों की लड़ी को लगातार आगे बढ़ाया जाएगा और हर गांव शहर के ग्रंथी और अखंड पाठी सिंहों को गुरबाणी की मुकम्मल शिक्षा दी जाएगी। इस मौके श्री दरबार साहब की ओर से जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल समेत और प्रमुख शख्सियतों को सम्मानित भी किया।

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