Edited By Updated: 25 Apr, 2017 11:54 AM
आधी रात को हुई तेज बरसात ने मंडियों में खुले आसमान तले पड़ी किसानों की सैंकड़ों टन गेहूं को पानी-पानी कर दिया।
लुधियाना (खुराना): आधी रात को हुई तेज बरसात ने मंडियों में खुले आसमान तले पड़ी किसानों की सैंकड़ों टन गेहूं को पानी-पानी कर दिया। ऐसे में सबसे अधिक हैरानीजनक पहलु यह भी रहा कि मौसम विभाग माहिरों द्वारा उक्त होने वाली बरसात व तेज आंधी को लेकर पहले से ही भविष्यवाणी की गई थी लेकिन बावजूद इसके मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने किसानों की फसल को बरसाती पानी की मार से बचाने के लिए कोई उचित प्रबंध नहीं किए और पिछले करीब 2 दिनों से नगर में एक-एक कर पड़ रही बेमौसमी बरसात से पंजाब सरकार के मंडियों में गेंहू के खरीद प्रबंधों संबंधी किए गए सभी प्रबंधों की हवा उड़ा कर रख दी है।
इसके चलते गेहूं अधूरे प्रबंधों के चलते खुले आसमान तले भीगती रही, वहीं रविवार को हुई बरसात के कारण जालंधर बाईपास चौक से सही दाना मंडी में बरसाती पानी से पूरी भीग चुकी गेहूं को संभाल रहे गांव तलवंडी काला के किसान सुखविन्द्र सिंह सरकार व प्रशासन के सभी आधे-अधूरे खरीद प्रबंधों को लेकर प्रशासन को कोसता दिखाई दे रहा था। किसान सुखविन्द्र सिंह ने कहा कि बरसात के कारण मेरी आंखों के सामने मेरी कई माह की मेहनत पानी में मिल रही थी और मैं कुछ नहीं कर पाया। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों की बदइंतजामी की पोल खोलने के लिए काफी है। इस बारे में दाना मंडी के ही एक कारोबारी ने बताया कि मंडी में कुछ एक आढ़तियों के पास ऐसी स्थिति से निपटने के लिए उचित संख्या में तिरपालों के प्रबंध नही हैं। उन्होंने कहा कि नियमों व शर्तों के मुताबिक आढ़ती के पास कम-से-कम 20 तिरपाले, गेहूं की साफ करने वाले 2 पंखे व 2 फसल तोलने वाले कांटे होना अनिवार्य है।