Edited By Vatika,Updated: 18 Apr, 2024 02:53 PM
शहर में यह भी चर्चा है कि जो चेहरा अपनी पार्टी का ना हुआ। वह जनता का प्रतिनिधि कैसे होगा।
लुधियाना (स्याल): परमात्मा ने जब सृष्टि की रचना की थी, तो उसने कलाबाजियो में बंदर को निपुण बनाया। लेकिन वर्तमान में राजनीतिज्ञों द्वारा पार्टिया बदलने की कलाबाजियों को देखते हुए बंदर भी हैरान एवं परेशान है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही अलग-अलग पार्टी के राजनेताओं द्वारा दूसरी पार्टियों में जाने की एक होड़ सी मची हुई है। वफादारी का दम भरने वाले अनेक नेता अपनी पार्टी को अलविदा कह कर दूसरी पार्टी में चले गए, जिनकी भनक भी उनके विश्वसनीय साथियों को भी नहीं लगी।
कई लोकसभा सीटों पर ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी का मुकाबला पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से ही है। क्योंकि भाजपा,आम आदमी पार्टी, अकालियों से दल बदल कर आने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की संख्या अधिकतर है। शहर में यह भी चर्चा है कि जो चेहरा अपनी पार्टी का ना हुआ। वह जनता का प्रतिनिधि कैसे होगा।