Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 09:47 AM
शहीद किरणजीत कौर ई.जी.एस., ए.आई.ई., एस.टी.आर. अध्यापक यूनियन शाखा जालंधर द्वारा मांगों को लेकर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में पहुंची यूनियन की सदस्यों का गुस्सा उस समय भड़क गया जब वह डी.सी. कार्यालय को...
जालंधर(पांडे): शहीद किरणजीत कौर ई.जी.एस., ए.आई.ई., एस.टी.आर. अध्यापक यूनियन शाखा जालंधर द्वारा मांगों को लेकर डिप्टी कमिश्नर कार्यालय समक्ष रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में पहुंची यूनियन की सदस्यों का गुस्सा उस समय भड़क गया जब वह डी.सी. कार्यालय को ओर नारे लगाती जा रही थीं कि सुरक्षा बलों ने चैनल गेट बंद कर दिया। इसके बाद यूनियन की सदस्य उक्त चैनल गेट पर बैठ गईं और आने-जाने का रास्ता रोक दिया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
लगभग 3 घंटे उपरांत ई.जी.एस. अध्यापक वर्करों की मुलाकात डिप्टी कमिश्रर से हुई, जिसके बाद उन्होंने अपना मांगपत्र सौंपा। डिप्टी कमिश्नर को दिए मांगपत्र में ई.जी.एस. वर्करों ने कहा कि वे सन् 2003 से प्राइमरी स्कूलों में कम तनख्वाह पर छोटे बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर रही हैं। कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री ने बयान दिया था कि सरकार जो प्री-प्राइमरी क्लासें शुरू कर रही हैं उसमें ई.जी.एस. वर्कर को स्कूलों में बतौर इंचार्ज बनाकर पढ़ाने का कार्य दिया जाएगा लेकिन अभी तक इसका कोई नोटीफिकेशन जारी नहीं किया गया जबकि प्री-प्राइमरी क्लासें शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने अपनी मांग में कहा है कि हम लोगों को रैगुलर पोस्ट दी जाए।
6 से 14 वर्ष की आयु वाले स्कूल से बाहर के बच्चों का सर्वे करने के लिए विभाग द्वारा पूरे पंजाब के जिलों में पत्र जारी किया गया है तथा सभी जिलों में सर्वे प्रात: 9 से दोपहर 3 बजे तक ड्यूटी टाइम में किया जा रहा है, जबकि जिला जालंधर में जिला शिक्षा अधिकारी प्राइमरी द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक उक्त वालंटियरों को प्रात: 9 से 11 बजे तक स्कूलों में पढ़ाने के बाद सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं, जो कि गलत है। प्रत्येक वालंटियर को 8-8 गांवों का सर्वे करने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल सैंटर से उक्त गांवों में सर्वे करने के लिए जाने-आने में एक-एक वालंटियर के 200 से 300 रुपए खर्च हो जाते हैं, ऊपर से उक्त गांवों से सर्वे के उपरांत घर वापस आने में देर हो सकती है, जिससे हम महिला वालंटियरों की सुरक्षा पर प्रश्रचिन्ह लग गया है।