Edited By Tania pathak,Updated: 25 May, 2021 04:17 PM
अपनी दुख भरी दास्तान सुनाते हुए छोटी बच्चे पूजा, लक्ष्मी और भारती कुमारी ने बताया कि उनके पिता अर्जुन चौधरी बीमार हो गए थे। उनकी शुगर 484 हो गई थी। उनको इलाज के लिए पटियाला लेकर गए तो डाक्टरों ने कहा कि इनको कोरोना हो गया है और कोरोना वार्ड में इलाज...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): पांच बच्चों के पिता की पहले तो कोरोना से मौत हो गई। उसकी मौत का दुख न सहते हुए उसकी पत्नी की भी 48 घंटों बाद मौत हो गई। उक्त पति-पत्नी के चार लड़कियां और एक लड़का है। घर में अब कमाने वाला कोई नहीं रहा। अब इन छोटे बच्चों को यही डर सता रहा है कि वह किस तरह अपना पेट भरेंगे। बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। ऊपर से घर भी अपना नहीं है वह किराए के मकान में रहते हैं।
अपनी दुख भरी दास्तान सुनाते हुए छोटी बच्चे पूजा, लक्ष्मी और भारती कुमारी ने बताया कि उनके पिता अर्जुन चौधरी बीमार हो गए थे। उनकी शुगर 484 हो गई थी। उनको इलाज के लिए पटियाला लेकर गए तो डाक्टरों ने कहा कि इनको कोरोना हो गया है और कोरोना वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कर दिया।
दो दिन बाद ही 13 मई को उनकी मौत हो गई और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपने पति के की मौत सदमे मे पत्नी और उनकी धनमती देवी की भी 15 मई को मौत हो गई। वह पांच-बहन भाई है, जिसमें चार बहने और एक भाई है। भाई नसीब ने कहा कि वह भी बेरोजगार है। उसके पास कोई रोज़गार नहीं है जो वह अपनी चार बहनों का पालन पोषण कर सके।
उसने बताया कि उसके पिता मजदूरी करते थे। वह जहाँ मज़दूरी करते थे, वह भी वही मज़दूरी करेगा और अपनी बहनों का पालन पोषण करने की कोशिश करेगा। परन्तु अब घर में खाने को अन्न का एक दाना भी नहीं है। ऊपर से मकान का किराया भी देना है। उसे यह भी चिंता सताई जा रही है कि यदि किराया न दिया तो मकान मालिक घर से निकाल देगा। यही सोचकर उन्हें डर लग रहा है। वार्ड के काऊंसलर जगराज सिंह ने प्रशासन से मांग की कि इन बेसहारा बच्चों की प्रशासन मदद करे और इन बच्चों को रोज़गार भी दे।
पंजाब और अपने शहर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here