मासूम बच्चियों से दुष्कर्म का मामलाः कैप्टन साहिब पंजाब में भी लाए MP जैसा विधेयक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Dec, 2017 11:04 AM

day to day rape case increase in punjab

देश के विभिन्न राज्यों में नाबालिग लड़कियों से घटित दुष्कर्म की कथित घटनाओं के बाद आरोपियों के खिलाफ लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में घटित सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों को कड़ी सजा देने के लिए कानून को और सख्त तो किया गया, लेकिन इस मामले...

मोगा (पवन ग्रोवर): देश के विभिन्न राज्यों में नाबालिग लड़कियों से घटित दुष्कर्म की कथित घटनाओं के बाद आरोपियों के खिलाफ लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में घटित सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों को कड़ी सजा देने के लिए कानून को और सख्त तो किया गया, लेकिन इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने सबसे पहले सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले को 14 वर्ष की सख्त कैद या फिर ‘मौत की सजा’ देने का प्रस्ताव पेश किया है, जबकि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को 20 वर्ष की सख्त कैद या मौत की सजा देने की वकालत की गई है।

नया कानून बनाने के लिए यह प्रस्ताव केन्द्र व राष्ट्रपति को भेजा जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल पर जब ‘पंजाब केसरी’ ने समाज की विभिन्न महिलाओं से जानना चाहा कि क्या वे भी इसी प्रकार का कानून पंजाब में चाहती है तो उन्होंने क्या कहा। आइए जानते हैं उनकी जुबानी।

मोगा जिले में दुष्कर्म से संबंधित दर्ज मामलों का ब्यौरा
जिले में वर्ष 2016 दौरान दुष्कर्म से संबंधित 24 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें 18 वर्ष से कम उम्र की बालडिय़ों के साथ दुष्कर्म होने के 14 मामले शामिल हैं, जबकि वर्ष 2017 में दुष्कर्म से संबंधित दर्ज हुए 27 मामलों में 10 मामले नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म से संबंधित हैं।

अपराधी को जीने का कोई हक नहीं
मध्य प्रदेश विधानसभा द्वारा वहिशी दरिंदों के विरुद्ध सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश करके अच्छा काम किया गया है। मैं समझती हूं कि देश के अन्य राज्यों की विधानसभाओं को ऐसे घिनौने अपराध विरुद्ध सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव लाना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला प्रशंसनीय है। इतनी छोटी उम्र की लड़कियों से ऐसा घिनौना अपराध करने वालों को जिंदगी जीने का कोई हक नहीं है।

दूसरे राज्यों की सरकारों के लिए प्रेरणा बनेगी म.प्र. सरकार
म.प्र. सरकार ने विधानसभा में दुष्कर्म विरुद्ध सख्त कानून का प्रस्ताव लाकर दूसरे राज्यों की सरकारों के लिए रास्ते का मार्ग का काम किया है, क्योंकि हमारे देश में हवस की पूॢत के लिए दरिंदे किसी भी हद तक गिर सकते हैं। मैं समझती हूं कि इस मामले में मौत की सजा का कानून पास होने के साथ डर की वजह से यह अपराध कम होगा। देश के सभी राज्यों में यह कानून लागू होना चाहिए।

पुराने कानून को बदलना समय की जरूरत
समाज सेवी तथा प्रमुख उद्योगपति ऊधम मंगला की धर्मपत्नी नवनीत मंगला ने कहा कि भारत में अभी तक देश की आजादी से पहले बना कानून ही चल रहा है, जिसमें बदलाव समय की मुख्य जरूरत है। दुष्कर्म जैसी धाराओं में कम सजाओं का प्रावधान उस समय के हाकमों द्वारा अपने आपको महफूज रखने के लिए रखा गया था। अब आज के समय में बदलाव आ चुका है।
 

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