अगर पंजाब में दलित चेहरा नेता तो दिल्ली में क्यों नहीं: खैहरा

Edited By Vaneet,Updated: 29 Jul, 2018 09:50 AM

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अगर पंजाब में दलित चेहरे को पहल दी गई है तो दिल्ली में भी दलित नेता को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाना चाहिए था।...

चंडीगढ़(रमनदीप सोढी): अगर पंजाब में दलित चेहरे को पहल दी गई है तो दिल्ली में भी दलित नेता को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जाना चाहिए था। यह कहना है कि विरोधी पक्ष के पूर्व नेता सुखपाल खैहरा का। पंजाब केसरी के साथ बातचीत करते हुए खैहरा ने कहा कि यदि दिल्ली में भी उप मुख्यमंत्री के पद पर एक दलित नेता को लगाया जाता तो ज्यादा अच्छा होना था। इसके साथ पार्टी को और भी फायदा होना था। 

नए बनाए गए विपक्ष के नेता हरपाल चीमा सम्बन्धित पूछे गए सवाल पर खैहरा ने कहा कि उनको अभी तक चीमा का कोई फोन नहीं आया। खैहरा ने कहा कि बठिंडा में होने वाला जलसा उनका नहीं बल्कि पार्टी का जलसा है, इसमें पार्टी का कोई भी नेता और विधायक शामिल हो सकता है। 

प्र. आपको नेता विपक्ष पार्टी ने बनाया था, अब हटाने पर एतराज क्यों?
उ.
मुझे पद से हटाने पर कोई एतराज नहीं है। मुझे सिर्फ उस प्रक्रिया पर एतराज है जिस प्रक्रिया से मुझे हटाया गया है। यह ऐसा पद नहीं है जहां से हटाने के लिए आप ट्विटर का सहारा लो। यह एक संवैधानिक पद है और इस पद की अपनी गरिमा है। मुझे एतराज सिर्फ इस बात  पर है कि मुझे हटाने से पहले न तो मेरा पक्ष लिया गया और न ही विधायकों से बातचीत की गई। ऐसे पद से हटाने की एक प्रक्रिया होती है। सारे विधायकों के साथ बैठक करके उनकी राय ली जाती। यदि विधायकों की राय मेरे खिलाफ जाती तो मुझे पत्र लिख कर  कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता। यदि मेरे नोटिस से पार्टी संतुष्ट न होती तो मुझे विधायकों की सहमति से हटाया जा सकता था लेकिन यह फैसला एकतरफा है और जिस तरीके से इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा निकला है उससे साफ है यह पार्टी की नीतियों की मूल भावना के भी खिलाफ है। 

प्र.क्या आपकी बेबाकी आप पर भारी पड़ी है?
उ.
यह सियासत का रिवाज है कि यहां या तो मसल पावर वालों की चलती है या तलवे चाटने वालों और या ऐसे लोगों की बात मानी जाती है जिनके पास पैसा हो। इसे मेरी कमजोरी समझिए या मेरी सियासत का तरीका। मैं लोगों की भावना के अनुरूप राजनीति करता हूं और सच को अक्सर कीमत अदा करनी पड़ी है। मुझे भी खमियाजा भुगतना पड़ा है लेकिन मुझे पद से हटाए जाने का गिला नहीं है क्योंकि मैं अब तक किए गए अपने काम से संतुष्ट हूं और मैंने पूरी निडरता के साथ काम किया है। यही कारण है कि आज सोशल मीडिया पर लोग मेरे पक्ष में खड़े हैं। 

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प्र.क्या स्थानीय नेता हाईकमान के इशारे पर आपके खिलाफ बोल रहे हैं?
उ.
मैं यह तो नहीं कह सकता कि यह हाईकमान के इशारे पर हो रहा है लेकिन आम आदमी पार्टी ऐसी इकलौती पार्टी है जिसके नेता अपनी ही पार्टी के नेता विपक्ष के खिलाफ प्रैस कांफ्रैंस करते हैं। यह प्रैस कांफ्रैंस भी कांग्रेस के लगाए आरोपों पर होती है। जब कांग्रेस ने मुझ पर नशे के कारोबारियों का साथ देने का आरोप लगाया तो मेरी पार्टी के नेताओं ने ही मेरे खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। 

प्र.क्या फेसबुक पर पार्टी की अंदरूनी सियासत पर बोलने का नुक्सान हुआ?
उ.
इस सारे घटनाक्रम के लिए हमारी पार्टी के चालाक लोग जिम्मेदार हैं। ये लोग कांग्रेस व अकाली दल के इशारे पर काम कर रहे हैं। आप सबको याद होगा कि जब-जब मैं पंजाब के मुद्दे उठा रहा था तो अकाली दल व कांग्रेस एकसुर में आम आदमी पार्टी से मुझे हटाने की मांग कर रहे थे। ऐसी ही मांग मेरी अपनी पार्टी के नेता करते रहे। मैंने सोशल मीडिया पर पार्टी के अंदर का सच रख कर गलती नहीं की है। यदि मैं यह न करता तो लोगों को मुझे हटाए जाने पर भी एतराज नहीं होता। 

प्र. क्या पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए आपको रास्ते से हटाया गया?
उ. मुझे फिलहाल गठबंधन की कोई जानकारी नहीं है और न ही हमसे इस बारे में पूछा गया है और न ही हमारी राय ली गई है। यदि पार्टी हाईकमान में ऐसी कोई बात होती है तो विधायकों के साथ बातचीत की जाएगी और उनकी राय पार्टी हाईकमान को बताई जाएगी। पंजाब के हित में जो भी फैसला होगा वह हम करने के लिए तैयार हैं। 

प्र.कांग्रेस से गठबंधन के बाद विधानसभा में कांग्रेस का विरोध कैसे करोगे?
उ.यह सवाल वाजिब है लेकिन यह अभी काल्पनिक है। हमें मोटे तौर पर पंजाब के हित के बारे में सोचना है और यदि गठबंधन पंजाब के हित में हुआ और विधायकों की इस पर राय बनी तो हम अपनी राय पार्टी हाईकमान को देंगे। 

प्र.क्या पद से हटाने के बाद आपको भगवंत मान का फोन आया?
उ.मेरी अक्सर भगवंत मान से बात होती रहती है। वह मेरे साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार करते हैं। मेरे उनके साथ संबंध ठीक हैं लेकिन हाल ही के दिनों में मेरी उनके साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।

प्र. हरपाल चीमा को दिए गए पद को दलितों के सम्मान के साथ जोड़ा जा रहा है। आप क्या कहेंगे?
उ.  पंजाब में सबसे ज्यादा दलित हैं और उन्हें सियासत में बनता हक मिलना चाहिए और हर पार्टी को दलित नेताओं को सम्मान देना चाहिए लेकिन यह सम्मान दिल्ली में क्यों नहीं दिया जा रहा। दिल्ली में उपमुख्यमंत्री पद पर किसी दलित नेता को बिठाकर दलितों को सम्मान दिया जाना चाहिए क्योंकि दलित चाहे पंजाब में हों या दिल्ली में हों हर जगह वे सम्मान के हकदार हैं।

प्र. यदि आपको पद की लालसा नहीं है तो आप शक्ति प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
उ. यह शक्ति प्रदर्शन नहीं है। यह काम पार्टी की मजबूती के लिए हो रहा है। हाईकमान के फैसले से कार्यकत्र्ता निराश है और उसका आत्मविश्वास गिर चुका है। उस आत्मविश्वास को लौटाने के लिए उन्हें हौसला दिए जाने की जरूरत है।PunjabKesari

प्र. क्या आपको भगवंत के फोन की उम्मीद थी?
उ.बात मेरी उम्मीद की नहीं है। बात यह है कि क्या मैंने कोई गलत काम किया है। यदि मैंने कोई गलत काम किया है तो मुझे सजा मिलनी चाहिए लेकिन यदि मैंने गलत काम किया होता तो आज लोग मेरे पक्ष में न खड़े होते। मैं लोगों की भावना के अनुरूप राजनीति करता हूं।

प्र.  क्या आपने भगवंत मान को कार्यकत्र्ताओं की बैठक की जानकारी दी है?
उ.  फिलहाल इस बात की उन्हें जानकारी नहीं दी गई लेकिन हम पार्टी के सारे नेताओं को बुलाएंगे और एक मंच पर इकट्ठा करेंगे। पार्टी के सारे विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की सहमति के साथ ही आगे का फैसला होगा क्योंकि बात सिर्फ सुखपाल खैहरा की नहीं है। बात अब कार्यकर्ताओं व विधायकों के सम्मान और जज्बात से जुड़ी है। यह खैहरा का निजी सियासी कार्यक्रम नहीं है। यह पार्टी का मंच होगा। यहां कोई भी आ सकता है।

प्र. क्या लोगों के जज्बात पार्टी हाईकमान तक पहुंच रहे हैं?
उ. बिल्कुल पहुंचे होंगे। आम आदमी पार्टी की हाईकमान सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है और उन्हें सोशल मीडिया पर सब नजर आ रहा है। वे भी लोगों की भावनाएं समझ रहे होंगे।

प्र. हाईकमान की तरफ से किसी ने आपसे सम्पर्क किया?
उ. न तो पद से हटाने से पहले और न ही पद से हटाने के बाद हुई विधायकों और लोगों की प्रतिक्रिया के उपरांत मुझसे किसी ने सम्पर्क किया है। मुझे तो फैसले की जानकारी भी दिल्ली के डिप्टी सी.एम. मनीष सिसौदिया के ट्वीट से मिली। PunjabKesari

प्र. ऐसा क्या हुआ कि केजरीवाल को यह कदम उठाना पड़ा?
उ. मैं खुशामद नहीं कर सकता। मैं बार-बार दिल्ली नहीं जा सकता लेकिन यहां पर पंजाब इकाई में सक्रिय कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ साजिश की। दुख इस बात का है कि जो आरोप स्थानीय नेता मुझ पर लगा रहे थे उनकी जांच तक करने की जरूरत नहीं समझी गई। रैफरैंडम 2020 को लेकर मेरी बात को तोड़-मरोड़कर एक अखबार ने छापा लेकिन हैरानी की बात यह है कि अखबार के बाजार में आने से पहले इस अखबार की रिपोर्ट दिल्ली पहुंच गई थी। गैरी वङ्क्षडग़ नाम के पंजाब के एक नेता का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें मेरे पर कतरने की बात की जा रही थी। ये बातें मेरे खिलाफ हुई सियासी साजिश की तरफ इशारा करती हैं। 

प्र. क्या सुखपाल खैहरा को सियासी शहीद होने का इंतजार है?
उ. मेरी किस्मत में जो लिखा है वह मुझे मिलेगा। मैंने सियासत में कभी प्लाङ्क्षनग नहीं की। मैं लोगों की भावना के अनुरूप काम करता हूं और मैं हमेशा ठीक काम करूंगा। यदि आप ठीक काम करते हो तो प्रकृति आपके साथ खड़ी हो जाती है और आपके लिए साधन भी बनाती है तथा आपके लिए नए दरवाजे भी खोलती है। 

प्र. क्या आपने कभी दूसरे विकल्प के बारे में सोचा है?
उ.मैंने अभी किसी सियासी विकल्प पर कुछ नहीं सोचा। मैं अपनी पार्टी के विधायकों, कार्यकत्र्ताओं और लोगों का ऋणी हूं जिन्होंने मुझे संकट की घड़ी में इतना प्यार और सम्मान दिया है। मैं इन सबकी सहमति से ही कोई अगला सियासी फैसला लूंगा। 

प्र.अरविंद केजरीवाल को आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
उ. अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अच्छी सरकार चला रहे हैं। वह अच्छे नेता हैं लेकिन इस मामले में उन्हें जमीन से सही और सटीक रिपोर्ट लेकर फैसला करना चाहिए क्योंकि इस मामले में 
लोग मेरे साथ हैं और लोकतंत्र लोगों की भावनाओं के अनुरूप चलता है। यदि लोगों की भावनाओं के अनुरूप फैसला नहीं होगा तो यह जायज नहीं होगा।

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