बुजुर्गों की हालत बयान कर रही सरकार की तानाशाही

Edited By Updated: 07 Dec, 2016 11:55 AM

currency shortage

बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की लगातार हो रही मनमानियों से जहां हर वर्ग दुखी है। वहीं सरकार तथा उच्च बैंक अधिकारियों की घोषणाओं के बावजूद भी लोगों को उनके मुताबिक पैसे नहीं मिल रहे।

कपूरथला(मल्होत्रा): बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की लगातार हो रही मनमानियों से जहां हर वर्ग दुखी है। वहीं सरकार तथा उच्च बैंक अधिकारियों की घोषणाओं के बावजूद भी लोगों को उनके मुताबिक पैसे नहीं मिल रहे। बैंक की लाइनों में खड़े बुजुर्गों की हालत सरकार की तानाशाही को बयान कर रही है। विभिन्न बैंकों का दौरा किया तो वहां पर खड़े एक बुजुर्ग गोपीपुर निवासी गुरबचन सिंह ने बताया कि वह लगातार अपनी पैंशन के पैसे लेने के लिए बैंक में आ रहा है। पहले तो वह इतनी अधिक भीड़ देखकर हर बार घबरा जाता था पर आज बैंक में आते ही उसे पता चला कि कैश नहीं है जिससे उसके मन को काफी ठेस लगी।

इसी प्रकार टीम द्वारा जब गांव धुआंखे निशान की बुजुर्ग महिला हरभजन कौर से सम्पर्क किया गया तो उसने उदास चेहरे से बताया कि वह तो इस सिस्टम से बहुत दुखी है। पैंशन के पैसे न मिलने से उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।अपनी बारी का इंतजार कर रही महिन्द्र कौर ने बताया कि वह इससे पूर्व 2 बार अपने द्वारा जमा किए गए पैसे लेने के लिए आ चुकी है। उसकी बारी आने से पहले ही कैश खत्म हो जाता है। 500 व 1000 के नोट बंद करने से पहले सरकार तथा बैंकों को अपना सिस्टम सही तरीके से लागू करना चाहिए था। 

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