Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 10:39 AM
प्रेम विवाह का झांसा देकर करीब 4 वर्ष तक युवती से दुष्कर्म करने व बाद में पीड़िता से विवाह करने से मना करने के चलते बलात्कार के मुकद्दमे में युवक को नामजद किया था।
फाजिल्काः प्रेम विवाह का झांसा देकर करीब 4 वर्ष तक युवती से दुष्कर्म करने व बाद में पीड़िता से विवाह करने से मना करने के चलते बलात्कार के मुकद्दमे में युवक को नामजद किया था। इसके बाद युवक ने जेल जाने से बचने की खातिर युवती से शादी कर बाद में अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए एक साजिश के तहत पीड़िता व उसके परिजनों को झूठे मुकद्दमे में फंसा दिया। इसके चलते मानसिक प्रताडऩा झेल रहे परिवार ने अब न्याय के लिए महिला आयोग व मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय व राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, महिला आयोग को लिखे पत्र में पीड़िता युवती गोबिंद रानी वासी लाधूका ने बताया कि उनका विवाह एक सोची समझी साजिश का नतीजा था व कुछ महीने के बाद उसके पति ने अपने परिवार के साथ मिलकर उसे बेघर कर दिया। जिसके बाद उसकी शिकायत पर थाना सदर फाजिल्का पुलिस ने उसके पति पर दहेज उत्पीडऩ का मुकद्दमा दर्ज कर दिया। दहेज के मुकद्दमे में सजा से बचने के लिए उसके पति व ससुरालियों ने बीती जुलाई महीने में उन पर लड़ाई झगड़े का मुकद्दमा दर्ज करवा दिया।
पीडि़ता ने बताया कि मुकद्दमे की जांच का जिम्मा डी.आई.जी. द्वारा एस.पी. अबोहर को सौंप दिया गया परन्तु सत्ताधारी एक कांग्रेसी नेता के दबाव में आकर फाजिल्का पुलिस ने निष्पक्षता से अपना काम नहीं किया व उसके साथ-साथ उनके परिवार को आरोपी बना दिया। मुकद्दमे की जांच में आर.टी.आई. से मिली जानकारी के अनुसार युवक ने स्वीकार किया कि उसने युवती से विवाह मजबूरी में किया है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस उसे मुकद्दमा खारिज करने के बदले अपने पति को तलाक देने के लिए दबाव बना रही है। गोबिंद रानी ने आरोप लगाया कि जाली चोटें मारकर उन पर मुकद्दमा दर्ज करवाने वाले उसके पति की उंगली में लगी चोट की निष्पक्ष जांच के लिए डाक्टरी पैनल गठित करने की मांग को लेकर बीती 17 अगस्त को सिविल सर्जन कार्यालय को लिखित तौर पर पत्र देकर जानकारी दी गई थी परन्तु विभाग ने उनकी प्रार्थना पर गौर नहीं किया।