प्रेमी संग मिल पति का किया था एेसा हाल,2 साल बाद मिली सजा

Edited By Updated: 19 May, 2017 12:33 PM

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जिला व सेशन जज सतविंदर सिंह की अदालत ने युवक की हत्या करने और शव को राजस्थान नहर में फैंकने के करीब दो साल पुराने मामले में मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है।

चंडीगढ़/फरीदकोटः जिला व सेशन जज सतविंदर सिंह की अदालत ने युवक की हत्या करने और शव को राजस्थान नहर में फैंकने के करीब दो साल पुराने मामले में मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है। सभी दोषियों को दोहरी उम्रकैद और 21-21 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। 

 

दोषी गांव डग्गोरोमाना निवासी सतवीर कौर, उसके प्रेमी अमृतपाल सिंह उर्फ बब्बू और एक अन्य गुरसेवक सिंह उर्फ सेवक के खिलाफ पुलिस ने सात मार्च 2015 को केस दर्ज किया था। थाना सदर कोटकपूरा पुलिस रिकार्ड के अनुसार बरीवाला (मुक्तसर) के गांव जंडोके निवासी कुलविंदर कौर ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके भाई सुखदेव सिंह निवासी गांव डग्गोरोमाना का विवाह सतवीर कौर के साथ हुआ था।

 

शादी के बाद उसकी भाभी का गांव के ही अमृतपाल सिंह बब्बू के साथ संबंध बन गए। कुलविंदर के मुताबिक सुखदेव सिंह अपनी पत्नी सतवीर को इससे रोकता था, लेकिन वह नहीं मानी। 6 मार्च 2015 को सुखदेव घर से लापता हो गया। अगले दिन सुबह उसकी बाइक व चप्पलें गांव फिड्डे कलां के निकट राजस्थान नहर के पास बरामद हुईं। 
 

 
इस मामले में पुलिस ने कुलविंदर कौर के बयान पर सात मार्च को पहले सतवीर कौर व अमृतपाल सिंह बब्बू के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था। फिर चार दिन बाद पलविंदर सिंह ने खुलासा किया कि बब्बू और गुरसेवक सिंह सेवक ने सुखदेव सिंह को उसके सामने नहर में फैंका था। इस पर पुलिस ने आत्महत्या के केस को हत्या के मामले में तबदील कर उसमें गुरसेवक सिंह सेवक का भी नाम शामिल कर लिया। उसी दिन सुखदेव सिंह का शव बरामद हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण दम घुटना बताया गया।

 
पुलिस जांच में सामने आया कि तीनों आरोपियों ने साजिश के तहत सुखदेव सिंह को शराब में नशीली दवा पिलाई और बाद में उसकी हत्या करके शव को नहर में फैंक दिया। इस केस की सुनवाई पूरी करते हुए जिला अदालत ने मृतक सुखदेव सिंह की पत्नी सतवीर कौर, उसके प्रेमी अमृतपाल सिंह बब्बू और गुरसेवक सिंह सेवक को दोषी करार देते हुए उन्हें आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद व 10 हजार जुर्माना, आईपीसी की धारा 120बी के तहत भी उम्रकैद व 10 हजार जुर्माना और आईपीसी की धारा 201 के तहत दो साल की कैद और एक हजार जुर्माने की सजा सुनाई। तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी। 
 

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