दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर पटाखा व्यापारी, जानें क्या है मामला

Edited By Sunita sarangal,Updated: 25 Oct, 2021 10:56 AM

cracker traders forced to eat stumbling block know what is the matter

साल 1999 में आई.डी.एच. मार्केट में आग लगने के बाद प्रशासन ने नगर सुधार ट्रस्ट की मदद के साथ पटाखा व्यापारियों को जहाज़गढ़ में दुकानें अलाट कर दीं और भरोसा भी दिया गया कि यहां पटाखा मार्केट लगा सकते हैं।

अमृतसर (नीरज): साल 1999 में आई.डी.एच. मार्केट में आग लगने के बाद प्रशासन ने नगर सुधार ट्रस्ट की मदद के साथ पटाखा व्यापारियों को जहाज़गढ़ में दुकानें अलाट कर दीं और भरोसा भी दिया गया कि यहां पटाखा मार्केट लगा सकते हैं। कई वर्षों तक यहां मार्केट सजती भी रही परन्तु एक बार ऐसी उजड़ी, दोबारा बस ही नहीं सकी। एक ट्रांसपोर्टर की तरफ से हाईकोर्ट में अपील दर्ज किए जाने के बाद अदालत की तरफ से आदेश दिए गए कि किसी सुरक्षित स्थान पर पटाखा मार्केट लगाने के लिए प्रशासन जमीन अलाट करे।

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अपील के बावजूद आज तक न तो प्रशासन पटाखा व्यापारियों को जमीन अलाट कर सकी है और न ही मार्केट बस सकी है ऊपर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलने के बाद और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद जिले में सिर्फ 10 खोखे हर वर्ष लगाए जाते हैं। पिछले वर्षों दौरान दीवाली से एक महीना पहले पटाखा मार्केट सजा दी जाती थी। मौजूदा समय में पटाखा व्यापारी दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर हैं। प्रशासन की कानूनी कार्यवाही से परेशान होकर जहाजगढ़ के ज्यादातर दुकानदारों ने अपनी, दुकानों को बेच दिया है। ट्रांसपोर्टरों ने दुकानें खरीद ली हैं, क्योंकि यहां कोई और काम भी नहीं किया जा सकता।

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नाजायज पटाखों और पाबंदीशुदा पटाखों पर कोई कार्यवाही नहीं
वातावरण प्रदूषित होने का हवाले से प्रशासन ने लाइसैंसी व्यापारियों को तो उजाड़ दिया परन्तु अन्नगढ़ और अन्य इलाकों में नाजायज तौर पर बनने वाले पटाखों और पाबंदीशुदा हवाई से लेकर तोड़े वाले बमों का बनना बंद नहीं हुआ, जो आज भी जारी है। अन्नगढ़ और ओर इलाकों में चल रही नाजायज फैक्टरियों में तो कई बार धमाके भी हो चुके हैं और कई लोगों की जान तक जा चुकी है।

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डी.सी. रवि भक्त को पड़ा था 10 लाख रुपए जुर्माना
पटाखों के खोखों संबंधित अदालत में लड़ी गई कानूनी लड़ाई दौरान पूर्व डी.सी. रवि भक्त को 10 लाख रुपए जुर्माना तक हाईकोर्ट ने कर दिया था और उसके बाद साल 2015 के कोर्ट आर्डर का हवाला देते हुए प्रशासन तब से जिले में सिर्फ 10 खोखे ही लगाने की आज्ञा प्रदान करता है।

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प्रशासन को मिली 1006 अर्जियां, आज होगा ड्रा
पटाखों के खोखे लगाने के लिए प्रशासन को इस बार सेवा केन्द्रों के द्वारा 1006 अर्जियां ही मिलीं हैं। इस बार अर्जी को सेवा केन्द्रों के द्वारा स्कैन कर भरा गया है और सोमवार के दिन पूरी पारदर्शिता के साथ ड्रा भी निकाला जा रहा है। ए.डी.सी. रूही दुग अनुसार प्रशासन पूरी पारदर्शिता के साथ सबके सामने ड्रा निकालेगा।

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पटाखा व्यापारियों को मिलनी चाहिए पहल
प्रशासन को खोखे अलाट करते समय पटाखा व्यापारियों को पहल देनी चाहिए, क्योंकि अदालत के आदशों और खोखे लगाने संबंधित नियमों को पटाखा व्यापारी भली-भांति जानते हैं। जिन व्यापारियों के पास लाइसेंस हैं, उनको ही खोखे दिए जाने चाहिएं। प्रशासन की तरफ से सिर्फ अस्थायी लाइसेंस ही जारी किए जाते हैं।

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