Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 01:07 PM
शहीदों के शहर में गौवंश इन दिनों सड़कों पर आसरा और कूड़े में भोजन ढूंढने को मजबूर है। हालात इस कद्र बदतर बने हुए हैं कि गौवंश आम जनता के लिए हादसों का कारण बन रहे हैं, रात के अंधेरे में ये गऊएं मेन हाईवे पर बैठ जाती हैं जिस कारण लोगों को काफी...
फिरोजपुर(जैन): शहीदों के शहर में गौवंश इन दिनों सड़कों पर आसरा और कूड़े में भोजन ढूंढने को मजबूर है। हालात इस कद्र बदतर बने हुए हैं कि गौवंश आम जनता के लिए हादसों का कारण बन रहे हैं, रात के अंधेरे में ये गऊएं मेन हाईवे पर बैठ जाती हैं जिस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सब कुछ जानते हुए प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता पूरे मंजर को चुपचाप देख रहे हैं। अकाली-भाजपा शासन में राज्य के 22 जिलों में सरकारी गऊशाला बनाने का वायदा किया गया था, मात्र फिरोजपुर ऐसा जिला है, जहां पर अभी तक गऊशाला तैयार नहीं हो पाई है जिसका मुख्य कारण कोर्ट में विवाद बताया जा रहा है। प्रशासन द्वारा मक्खू के गांव सूदा में गऊशाला बनाने का निर्णय लिया गया था लेकिन कुछ लोगों ने इसको लेकर कोर्ट की शरण ली जोकि मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
फंड के अभाव में लटका नंदीशाला का निर्माण
छावनी में गोपाल गऊशाला द्वारा करीब 200 बेसहारा गऊओं को शरण दी जा रही है। संस्थान द्वारा करीब 2 वर्ष पहले श्मशान भूमि के सामने जगह पर अकाली नेता से नींव पत्थर रखवाया गया था। अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, बृजभूषण ने बताया कि यह प्रोजैक्ट करीब 5 लाख रुपए का था लेकिन गऊशाला के पास ज्यादा फंड न होने के कारण इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि सभी गऊओं के भोजन, रख-रखाव का पूरा प्रबंध करने में काफी खर्च हो जाता है लेकिन उतना दान एकत्रित नहीं हो पाता।वहीं छावनी बोर्ड द्वारा लाखों की लागत से चर्च रोड पर कैटल पॉन्ड का निर्माण करवाया गया है लेकिन कुछ महीनों से बेसहारा मवेशियों को पकड़ा नहीं जा रहा है। बोर्ड अधिकारी यहां कुछ ही दिनों में मवेशियों को रखकर दूरी पर छोड़ आते हैं। सैनेटरी सुपरिंटैंडैंट हरिओम गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष बोर्ड द्वारा करीब 150 गौवंश को पकड़ा गया है।
सरकार 15 करोड़ दे तो हो सकती है एक लाख बेसहारा गौवंश की संभाल : कीमती लाल
पंजाब गौरक्षा बोर्ड के चैयरमेन कीमती लाल भगत ने कहा कि गठबंधन सरकार के शासन में 22 गौशालाओं का निर्माण करवाने के बाद सिर्फ फिरोजपुर में गौशाला नहीं बन पाई और 5 जिलों जिनमें मोगा, मानसा, मुक्तसर, फाजिल्का, पठानकोट में 6 शैड और बाकि स्थानों पर एक-एक शैड लगा है। गौरक्षा पर पंजाब सरकार ज्यादा गंभीर नहीं दिख रही है। अगर सरकार 15 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करे तो अन्य गौशालाओं में और शैड बनाकर सड़कों पर भटक रहे करीब 1 लाख बेसहारा गौवंश को शरण दी जा सकती है। कीमती लाल भगत के मुताबिक विधानसभा चुनावों में सरकार ने हरेक विधानसभा क्षेत्र में गऊशाला बनाने का वायदा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।