Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 07:48 PM
पंजाब टैक्रीकल यूनिर्वसिटी में 25 करोड़ रुपए के घपले तथा बड़ी संख्या में भर्तीयों में की गई मनमानी को लेकर विजी..
कपूरथला(भूषण): पंजाब टैक्रीकल यूनिर्वसिटी में 25 करोड़ रुपए के घपले तथा बड़ी संख्या में भर्तियों में की गई मनमानी को लेकर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा नामजद किए गए मुख्य आरोपी पूर्व उप कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा की जमानत याचिका को जिला सैशन जज आरएस राय की अदालत ने खारिज कर दिया है। इस पूरे प्रकरण को लेकर जहां केंद्रीय जेल कपूरथला व जालंधर में न्यायिक हिरासत में बंद डा. रजनीश अरोड़ा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं इस मामले में नामजद अन्य 9 आरोपियों की भी इस अदालती आदेश से मुसीबते बढ़ सकती है।
विजीलैस ब्यूरो ने पूर्व उप कुलपति सहित 10 आरोपियो के खिलाफ किया था मामला दर्ज
विजीलैस ब्यूरो की टीम ने पंजाब टैक्रीकल यूनिर्वसिटी में 25 करोड़ रुपए के घपले व चेहतों को बड़े स्तर पर नौकरियां बांटने को लेकर किए गए फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व उप कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा सहित कुल 10 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके दौरान विजीलैंस ब्यूरो कपूरथला की टीम ने अमृतसर में छापामारी कर मुख्य आरोपी डा. रजनीश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया था जबकि शेष 9 आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
8 जनवरी को दर्ज की गई इस एफआईआर के दौरान गिरफतार आरोपियों डा. रजनीश अरोड़ा को छोड़ कर शेष 9 आरोपी फिलहाल विजीलैंस की पकड़ से दूर चल रहे हैं। जिन को गिरफ्तार करने के लिए विजीलैंस ब्यूरो की विभिन्न जिलों से संबंधित कई टीमों ने छापामारी भी की थी लेकिन इस के बावजूद भी किसी और आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
न्यायिक हिरासत में बंद उप कुलपति ने लगाई थी जिला सैशन अदालत में जमानत याचिका
न्यायिक हिरासत के दौरान केंद्रीय जेल जालंधर व कपूरथला में बंद चल रहे डा. रजनीश अरोड़ा ने जमानत लेने के मकसद से जिला सैशन जज आरएस राय की अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। जिस को लेकर अदालत में चली सुनवाई के दौरान कई तारीखे डाली गई थी। जिस पर फैसला सुनाते हुए शुक्रवार को जिला सैशन अदालत ने ड. रजनीश अरोडा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। जिस के बाद अब आरोपी पूर्व उप कुलपति को जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय जाना होगा।
वहीं इस पूरे मामले को लेकर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा नामजद किए गए शेष 9 अन्य आरोपियों द्वारा जमानत ना लगाने के बावजूद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जिस को लेकर विजीलैंस ब्यूरो जहां उक्त आरोपियों के संबंध में सामने आए दस्तावेजों की जांच में जुटा हुआ है। वहीं इन आरोपियों की भूमिका को लेकर भी जांच का दौर जारी है ताकि इन की पूरी भूमिका का खुलासा किया जा सके। फिलहाल विजीलैंस सूत्रो के मुताबिक सभी आरोपी अपने ठिकानों से गायब बताए जा रहे हैं।
वर्ष 2013 के बाद की भर्तियों पर भी हो सकती है अगली कार्यवाही
वर्ष 2013 के बाद डा. रजनीश अरोड़ा के करीबी कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के नजदीकी रिश्तेदारों को सभी नियमों को ताक में रख कर कई अहम पदों पर तैनात करने का मामला आने वाले दिनो में गर्मा सकता है। बताया जाता है कि फिलहाल विजीलैंस ब्यूरो का फोकस उन नियुक्तियों पर चल रहा है जिन के नाम एफआईआर में दर्ज हैं। अब इस एफआईआर की जांच पूरी होते ही वर्ष 2013 के बाद की गई भर्तीयों पर विजीलैंस की गाज गिर सकती है। जिस को लेकर इन भर्तियों को करवाने मे अहम भूमिका अदा करने वाले लोगों में भारी दहशत व्याप्त है।
क्या कहते हैं एसएसपी विजीलैंस
इस संबंध में जब एसएसपी विजीलैंस जालंधर जोन दलजिंद्र सिंह ढिल्लों से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच का दौर लगातार जारी है। जांच काफी लंबी होने के कारण इस को अभी कुछ दिन लग सकते हैं। वहीं मामले में शामिल संदिग्ध लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।