Edited By prince,Updated: 02 May, 2021 06:48 PM
देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों का एेलान किया जा चुका है। जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान का पूरा ध्यान पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिका है।
जालंधर (धवन): देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों का एेलान किया जा चुका है। जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान का पूरा ध्यान पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिका है। लेकिन एेसे वक्त पर जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने में एक साल से भी कम समय बचा है, पंजाब की राजनीति में बड़ा भूचाल मचा हुआ है।
कांग्रेस पार्टी के दो दिग्गज आपस में भिड़े हुए हैं जिसे लेकर राज्य में आगामी चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी को जोरदार झटका लगा है। पार्टी से जुड़े लोग संभावना जता रहे है कि जल्द ही पार्टी हाईकमान इस मामले को अपने संज्ञान में लेगी व कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहे शीत युद्ध का हल तलाशेगी।
बताया जा रहा है कि मुख्मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तरफ से कांग्रेस की केन्द्रीय लीडरशिप को राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस कार्यसमीति में नये अधिकारियों और जिला प्रधानों की नियुक्तियां करने का सुझाव दिया गया है। कैप्टन का कहना है कि राज्य में यह काम काफी लंबे समय से अटका हुआ है।
साथ ही पिछले कुछ समय से कैप्टन व नवजोत सिंह सिद्धू के बीच बहबल कलां व कोटकपूरा फायरिंग केस को लेकर तेज हो रही बयानबाजी के कारण कैप्टन के समर्थकों के साथ पार्टी हाईकमान के पास इस मामले को लेकर जाने की संभावना जतायी जा रही है। इस संबंध में कई बार खुद कैप्टन यह बयान दे चुके है कि सिद्धू को लेकर वे पार्टी हाईकमान से बात करेंगे।
देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस पार्टी हाईकमान इस मामले पर क्या फैसला लेती है। संभव है कि पार्टी इस मामले को सुलझाने के लिए पंजाब कांग्रेस मामलों के इंचार्ज हरीश रावत को पंजाब भेज सकती है।
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