Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 11:02 AM
रखरखाव की कमी व अधिकारियों की अनदेखी के कारण सरकारी इमारतों व सरकारी सम्पत्ति की क्या दुर्दशा होती है, इसका अगर किसी ने सबूत देखना हो तो वह सिविल सर्जन दफ्तर में चक्कर लगाकर खुद देख सकता है। इस दफ्तर का कुछ हिस्सा जहां काफी खस्ता हालत में है वहीं...
जालंधर(रत्ता): रखरखाव की कमी व अधिकारियों की अनदेखी के कारण सरकारी इमारतों व सरकारी सम्पत्ति की क्या दुर्दशा होती है, इसका अगर किसी ने सबूत देखना हो तो वह सिविल सर्जन दफ्तर में चक्कर लगाकर खुद देख सकता है। इस दफ्तर का कुछ हिस्सा जहां काफी खस्ता हालत में है वहीं जगह-जगह पर कबाड़ व शौचालयों की दुर्दशा अधिकारियों की अनदेखी को खुद बयान करती नजर आ रही है। यूं तो सिविल सर्जन दफ्तर व पूरा स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य की रखवाली करता है लेकिन इस दफ्तर के अधिकारियों को अपने स्टाफ के स्वास्थ्य की शायद जरा भी परवाह नहीं है।
जगह-जगह पड़ा है कबाड़
इस दफ्तर में यूं तो कई जगह कंडम अल्मारियां, टेबल, कुर्सियां इत्यादि पड़ी हुई हैं लेकिन सबसे ज्यादा सामान सिविल सर्जन के कमरे के पीछे एवं 4 नम्बर कमरे के साथ पड़ा हुआ है। इसमें जहां टूटी हुई अल्मारियां व टेबल पड़े हैं वहीं इनमें दफ्तर का रिकार्ड भी है। इस कबाड़ की वजह से यहां काफी मच्छर भी होते हैं।
प्रांगण में ही लगा है कूड़े का ढेर
इस दफ्तर के प्रांगण में ही कूड़े का ढेर लगा हुआ है और जब यह ढेर बढ़ जाता है तो इसे उठवाने की बजाय आग लगा दी जाती है जिससे प्रदूषण फैलता रहता है। इस ढेर पर मक्खियां हर वक्त भिनभिनाती रहती हैं। हैरानी की बात यह है कि इस ढेर के आगे गाडिय़ां भी खड़ी की जाती हैं लेकिन फिर भी कोई अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देता।
शौचालयों के आगे खड़ा रहता है पानी
एक तरफ तो विभाग के अधिकारी लोगों को इसके लिए जागरूक करने की बातें करते रहते हैं कि अपने घरों के आसपास व छतों पर पानी खड़ा न होने दें क्योंकि इससे मच्छर पैदा होता है लेकिन अपने दफ्तर में उनको शायद ये चीजें नजर नहीं आतीं।
दीवारों पर जम चुकी है काई
कुछ वर्ष पहले लाखों रुपए खर्च करके सिविल सर्जन दफ्तर में स्टाफ के लिए बनाए गए शौचालयों की दशा यह है कि उनकी छतों से पानी टपकता रहता है जिससे वे इतनी खस्ता हो चुकी हैं कि कभी भी गिर सकती हैं। यहीं बस नहीं, इसी पानी के कारण दीवारों पर काई भी जम चुकी है।