Edited By Updated: 06 Dec, 2016 12:19 PM
एक तरफ तो सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में अपनी डिलीवरी करवाने के लिए मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करके यहां आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है,दूसरी तरफ इन स्कीमों का फायदा लेने के लिए यहां पहुंचने वाली गर्भवतियों व उनके रिश्तेदारों...
मोगा(संदीप):एक तरफ तो सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में अपनी डिलीवरी करवाने के लिए मुफ्त सुविधाओं की घोषणा करके यहां आने के लिए प्रेरित किया जा रहा है,दूसरी तरफ इन स्कीमों का फायदा लेने के लिए यहां पहुंचने वाली गर्भवतियों व उनके रिश्तेदारों को सुविधा मिलने की जगह पर रोजाना नई परेशानियों का सबब बनता जा रहा है। इसका उदाहरण बन रहा है सिविल अस्पताल का जच्चा-बच्चा वार्ड।
इस वार्ड में दाखिल मरीज तथा उनकी देखभाल करने वाले उनके रिश्तेदारों को अपने मरीज के यहां दाखिल रहने तक कोई न कोई समस्या के साथ 2-4 होना पड़ता है।
यहां दाखिल मरीजों व उनके रिश्तेदार मुताबिक वार्ड में न तो पीने के लिए और न ही इस वार्ड के बाथरूमों में कपड़े, बर्तन या शौच जाने के लिए भी पानी है। जीरा निवासी अमनदीप कौर, उसके रिश्तेदार जसवीर सिंह, समाध भाई निवासी मरीज संदीप कौर ने कहा कि वह सरकार द्वारा बताई जा रही सुविधाओं से आकर्षित होकर सिविल अस्पताल के इस वार्ड में दाखिल हुए थे लेकिन जिस दिन से यहां दाखिल हुए हैं कोई न कोई समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल जच्चा व नव जन्मे बच्चे के कपड़े धोने के लिए दूसरे वार्ड में पहुंची रिश्तेदारों को वहां भी यह कहकर रोक दिया गया कि इस वार्ड में कहीं पानी खत्म न हो जाए, जिस पर मरीजों की रिश्तेदार महिला गांव रामूवाला निवासी नसीब कौर, गांव नाहल खोटे निवासी प्रीतम कौर, मोगा निवासी चरणजीत कौर का कहना है कि पीने के लिए पानी तो अस्पताल के बाहर किसी तरह लाकर मरीज को दे दिया है, अब कपड़े कहां से धोकर लाएं।