Edited By Vaneet,Updated: 07 Mar, 2020 08:13 PM
कोरोना वायरस का भय व अफवाह ऐसी फैली कि अब इसका असर चिकन और मीट मंडी पर भी पडऩे लगा है। ....
होशियारपुर(अमरेन्द्र): कोरोना वायरस का भय व अफवाह ऐसी फैली कि अब इसका असर चिकन और मीट मंडी पर भी पडऩे लगा है। सोशल मीडिया पर अफवाहों के फैलने के बाद से ही चिकन की बिक्री काफी कम हो गई है। दुकानदारों ने रेट भी घटा दिए हैं। जो मुर्गा थोक व्यापारी 95 से 100 रुपए में उठाते थे, वे अब 60 से 70 रुपए में देने को तैयार हैं इससे पोल्ट्री उद्योग चरमरा गया है। जल्द ही स्थिति सामान्य नहीं हुई तो बड़ा नक्सान उठाना पड़ेगा। वहीं दूसरी तरफ डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा कि चिकन, अंडा व मछली खाने से कोई नुकसान नहीं है। बस एहतियात बरतते हुए इसे अच्छी तरह से पकाकर लोग खाएं।
खर्चा तक निकलना हुआ मुश्किल
होशियारपुर में तो मुर्गे का मीट 100 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है। इससे पहले प्रति किलोग्राम 150 से 170 रुपए था। इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तमाम परिवारों की रोजी-रोटी चलती है। कोरोना की अफवाह ऐसी फैली कि तमाम लोग सड़क पर आ गए। प्रति किलोग्राम मुर्गा तैयार करने में 80 से 85 रुपए खर्च करने पड़ते हैं मुनाफा 1 किलो ग्राम पर 10 से 15 रुपए मुश्किल से मिलता है। अन्य लाभ छोटे छोटे दुकानदार व काटने वाले उठाते हैं।
होली सर पर लेकिन बिक्री में छाई है मंदी
सच यह है कि शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया की मदद से अफवाह फैलाई है जबकि कोरोना वायरस का मुर्गे से कुछ लेना-देना नहीं है। मुर्गा पालकों व मीट का कारोबार से जुड़े लोग साल में 2 दिन का इंतजार करता था न्यू ईयर और होली का। इन 2 दिनों में मुर्गा खूब बिकता था। लोग चिकन लेने से कतरा रहे हैं। इस कारण रेट में भी कमी आई है। इन लोगों ने बताया कि दिन-प्रतिदिन बिक्री में कमी आ रही है। होली सिर पर है लेकिन माल डंप है, उसे खरीदने वाला नहीं है।
अफवाह से बचें पर चिकेन को अच्छी तरह पकाने के बाद करे सेवन
इस संबंध में डॉक्टरों ने बताया कि कोई भी वायरस 70 डिग्री तापमान में जिंदा रह ही नहीं सकता है। इस नाते वह दावे के साथ कह सकते हैं कि मुर्गा खाने से कोरोना वायरस नही होगा। अपने वहां 100 डिग्री तापमान पर चिकन पकाया जाता है। पानी के 100 डिग्री तापमान पर चिकन पकता है। ऐसे में कोई वायरस जिंदा नहीं रह सकता है।