Edited By Sunita sarangal,Updated: 06 Nov, 2021 01:20 PM

पंजाब के अंदर राशन कार्ड पर तस्वीर लागाने संबंधी हमेशा विवाद छिड़ता रहा है, जैसे कि पिछले 10 साल अकाली-भाजपा गठजोड की सरकार के समय पर नीले कार्डों पर उस समय के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और खुराक और सिविल सप्लाई विभाग के मंत्री रहे आदेश प्रताप...
दोराहा (सुखवीर सिंह): पंजाब के अंदर राशन कार्ड पर तस्वीर लागाने संबंधी हमेशा विवाद छिड़ता रहा है, जैसे कि पिछले 10 साल अकाली-भाजपा गठजोड की सरकार के समय पर नीले कार्डों पर उस समय के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और खुराक और सिविल सप्लाई विभाग के मंत्री रहे आदेश प्रताप सिंह कैरों की तस्वीरों लगा कर पंजाब में अपना प्रचार जारी रखा था।
कांग्रेस पार्टी बार-बार मौका देखते नीले कार्डों पर लगीं अकाली सरकार की तस्वीरों को कोसती नजर आती थी। जब 2017 अंदर पंजाब में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई तो सत्ता में आने से करीब 3 साल बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार ने अकाली-भाजपा की तस्वीर वाले नीले कार्डों को रद्द कर स्मार्ट राशन कार्ड का नाम दिया और कैप्टन अमरिंदर सिंह की तस्वीर लगा कर पंजाब के करीब 39 लाख स्मार्ट कार्डों को लोगों के हाथों में पहुंचाया।
पंजाब में कांग्रेस ने पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और उनकी जगह पंजाब का नया मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को बना दिया गया। इसे मुख्य रखते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस को अलविदा कह गए और अपनी नई पार्टी ‘पंजाब लोग कांग्रेस ’बना ली है पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरदारी आज भी पंजाब के 39 लाख स्मार्ट राशन कार्डों पर कायम है, पंजाब के घर-घर कैप्टन अमरिंदर सिंह की तस्वीर वाला राशन कार्ड पड़ा है।
यदि देखा जाए तो इतनी जल्दी पंजाब की कांग्रेस सरकार इसका बदल नहीं ढूंढ सकती, जो कि पंजाब कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है क्योंकि पंजाब की सत्ता में नीला कार्ड या स्मार्ट कार्ड सत्ता को तबदील करने में अहम योगदान रखता है, जिसकी उदाहरण पिछले 10 सालों तक अकाली सरकार के राज करने से मिलती है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here