Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 11:19 AM
कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा अपना इन्कम टैक्स भरने का फैसला स्वागत योग्य है। ‘आप’ के विधायक भी अपना इन्कम टैक्स भरने को तैयार हैं, बशर्ते मुख्यमंत्री इस मामले को सही अर्थों में लागू करके अपने गैर-जरूरी सलाहकारों व ओ.एस.डीज की फौज...
चंडीगढ़ रमनजीत): कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा अपना इन्कम टैक्स भरने का फैसला स्वागत योग्य है। ‘आप’ के विधायक भी अपना इन्कम टैक्स भरने को तैयार हैं, बशर्ते मुख्यमंत्री इस मामले को सही अर्थों में लागू करके अपने गैर-जरूरी सलाहकारों व ओ.एस.डीज की फौज पर किए जा रहे खर्चों को भी बंद करें। यह बात नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कही।
खैहरा ने कहा कि ‘सेवा घर से शुरू होती है’ के अनुसार मुख्यमंत्री को चाहिए कि जब सरकार के पास बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद हैं तो अलग तौर पर सलाहकारों की फौज को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार में एडीशनल चीफ सैक्रेटरी स्तर के 10 अफसरों समेत दर्जनों वित्तीय सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी भी मौजूद हैं। ऐसी स्थिति में कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपने 19 सलाहकारों की फौज से क्या काम ले रहे हैं, स्पष्ट नहीं हो रहा।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए नारंग कमीशन गठित किया गया, कमीशन की जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और लोगों का पैसा व्यर्थ किया। गवर्नैंस रिफॉर्म्स एंड एथिक्स कमीशन का गठन हुए भी एक वर्ष बीत गया है लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने सलाहकारों के तौर पर अपने चहेतों को सिर्फ सरकारी पैसे से ऐश कराने के लिए ही नियुक्त किया है क्योंकि इनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें प्रशासनिक तजुर्बा बिल्कुल भी नहीं है।
मंत्रियों ने रैनोवेशन पर ही खर्च दिए करोड़ों
बेवजह खर्च का एक और उदाहरण देते हुए खैहरा ने कहा कि मंत्रियों ने सरकारी रिहायशों पर करोड़ों रुपए सिर्फ रैनोवेशन पर ही खर्च दिए। एडवोकेट जनरल ने सबसे अधिक एक करोड़ रुपए का खर्च किया। सी.एम. को सलाह देते हुए खैहरा ने कहा कि वह हैलीकॉप्टर इस्तेमाल से परहेज करें।खैहरा ने कहा कि इस सबको देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों और विधायकों को अपना टैक्स खुद भरने की बात कहना आंखों में धूल झोंकने वाली बात है।