Edited By Updated: 28 Apr, 2017 03:01 AM
राज्य की परिवहन प्रणाली में मौजूदा एकाधिकार को तोड़ कर ट्रांसपोर्ट माफिया के
चंडीगढ़(भुल्लर): राज्य की परिवहन प्रणाली में मौजूदा एकाधिकार को तोड़ कर ट्रांसपोर्ट माफिया के अंत के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय मार्ग के रूटों के अतिरिक्त शेष रूटों के बस परमिटों तक सभी की पहुंच यकीनी बनाने के लिए एक खुली और पारदर्शी नीति पर जोर दिया है। इसके साथ ही नवयुवकों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए विशेष बस रूट उनको देने के लिए परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
नई परिवहन नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए परिवहन विभाग की प्रारंभिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अंतर्राज्यीय रूटों को तर्कसंगत बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को रूपरेखा तैयार करने के लिए निर्देश दिए हैं। सभी ट्रांसपोर्टों को बराबर के अवसर उपलब्ध करवाने और इस बिजनैस को ज्यादा मजबूत व लाभदायक बनाने के लिए बैठक में लाभ वाले रूट ई टैंडर द्वारा देने का फैसला किया गया है।
विभाग द्वारा तैयार की जा रही नीति का प्रस्ताव शीघ्र ही राज्यमंत्री की स्वीकृति के लिए उसके समक्ष पेश किया जाएगा। परिवहन माफिया को खत्म करने के लिए एक अन्य कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जिन रूटों पर बसें चलाई जाएं उनके परमिट पर बस का रजिस्टे्रशन नंबर होना चाहिए। उन्होंने सभी बसों में जी.पी.एस. सिस्टम लगाए जाने का सुझाव दिया ताकि परमिट के दुरुपयोग को रोकने के लिए उन पर प्रभावी नजर रखने को यकीनी बनाया जा सके क्योंकि पिछली सरकार दौरान इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ। मुख्यमंत्री ने कुछ फीस लेने के बाद परमिट तबदील करने की आज्ञा देने के लिए विधिविधान तैयार करने हेतु भी विभाग को कहा है।