Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 02:10 AM
हिन्दी फिल्म पद्मावती पर बैन लगाने के सुझावों को रद्द करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। मंगलवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने न तो फिल्म पर बैन लगाने का समर्थन किया है...
जालंधर(धवन): हिन्दी फिल्म पद्मावती पर बैन लगाने के सुझावों को रद्द करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। मंगलवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने न तो फिल्म पर बैन लगाने का समर्थन किया है और न ही फिल्म अभिनेताओं तथा पद्मावती फिल्म को बनाने वालों को धमकियां देने का समर्थन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सहनशीलता बनाए रखे जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि कुछ गर्मदलीय तत्वों द्वारा अभिनेताओं व निर्देशकों को दी जा रही धमकियां उचित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ करने पर किसी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं तो उन्हें शांतमय ढंग से आंदोलन करने का अधिकार है। धमकियों तथा शांतमय प्रदर्शन के बीच अंतर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब मैंने फिल्म स्वयं देखी ही नहीं है तो फिर वह फिल्म पर बैन लगाने का समर्थन किस तरह से कर सकते हैं।
कैप्टन ने कहा कि इतिहास के साथ खिलवाड़ करने पर कोई भी प्रदर्शन तो कर सकता है परंतु कानून को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। लोकतांत्रिक व सभ्य समाज में शांतमय ढंग से प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने का हक है परंतु अगर कोई धमकियां दे तो वह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वह धमकियां देने वाले लोगों की निन्दा करते हैं तथा इस संबंध में कानून अपना कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि देश में शांति तथा भ्रातृभाव को छिन्न-भिन्न करने वाली ताकतों के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका पहला वक्तव्य केवल इतना था कि सैनिक इतिहासकार होने के नाते उनका विचार है कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ अस्वीकार्य है। अगर किसी को फिल्म बनाने का लाइसैंस मिल गया है तो इसका यह अर्थ नहीं कि वह ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ या छेड़छाड़ करे।