Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 10:07 AM
देश में जी.एस.टी. लागू हुए एक माह बीत चुका है परंतु अभी तक व्यापारियों को इस कानून प्रति पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है। व्यापारी अभी भी जी.एस.टी. नंबर लेने के लिए परेशान हो रहे हैं। जी.एस.टी. लगने के बाद बाजारों में भी रौनकें कम देखने को मिल रही...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): देश में जी.एस.टी. लागू हुए एक माह बीत चुका है परंतु अभी तक व्यापारियों को इस कानून प्रति पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है। व्यापारी अभी भी जी.एस.टी. नंबर लेने के लिए परेशान हो रहे हैं। जी.एस.टी. लगने के बाद बाजारों में भी रौनकें कम देखने को मिल रही हैं। महंगाई में वृद्धि हो गई है। सेल न होने के कारण दुकानदारों के पास स्टॉक एकत्र हो रहा है।
जी.एस.टी. संबंधी पंजाब केसरी की ओर से विभिन्न व्यापारिक संगठनों के नेताओं व महिलाओं से बातचीत की गई तो उनकी ओर से इस प्रकार के विचार पेश किए गए।जी.एस.टी. लगने से व्यापारियों के खर्च बढ़ गए हैं व सेल कम हो गई है। जी.एस.टी. नंबर लेने के लिए अभी भी कार्यालयों में धक्के खाने पड़ रहे हैं। वकीलों की ओर से 2,500 रुपए की फीस मांगी जा रही है। इससे व्यापारियों को धक्का लगा है।
क्लब एसो. के प्रधान गिरधारी लाल
रैडीमेड कपड़े पर विभिन्न टैक्स दरें लगा दी गई हैं। 1000 रुपए से नीचे आईटम पर 5 प्रतिशत व 1000 रुपए से ऊपर की आइटम पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. लगा दिया गया है। रैडीमेड कपड़ा व्यापारियों को कई मुश्किलें पेश आ रही हैं।
सुशील भारती, रैडीमेड गारमैंट एसो. के प्रधान
जी.एस.टी. लगने से कपड़े, करियाना व मिठाइयां महंगी हो जाएंगी जिस कारण आने वाले त्यौहारों के सीजन में त्यौहारों की रौनकों पर भी असर पड़ेगा।
गीता युवराज बांसल