मनप्रीत बादल बोले जरुरी था प्रोफेशनल टैक्स लगाना,जानें नियम और शर्तें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 01:14 PM

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पंजाब विधानसभा में कैप्टन सरकार का दूसरा बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने इसे  सही ठहराया।

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में कैप्टन सरकार का दूसरा बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने इसे  सही ठहराया। मनप्रीत बादल ने बातचीत दौरान कहा कि इस बजट में हर वर्ग का खास ध्यान रखा गया है। प्रोफेशनल टैक्स बारे बोलते मनप्रीत बादल ने कहा कि यह टैक्स लगाना सरकार की मजबूरी थी और यह टैकस मामूली दर पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक से लोन लेने के लिए यह टैक्स जरूरी था। उन्होंने कहा कि डी. ए. देने के लिए ऐसे पंजाब के आर्थिक हालात इजाजत नहीं देते और जब सही मौका आएगा, उस समय डी. ए. की किश्तों जारी कर दीं जाएंगी। बता दे कि सरकार ने बजट दौरान  200 रुपए प्रति माह के हिसाब से नया प्रोफेशनल टैक्‍स लगाने की घोषणा की है। 

 

प्रोफेशनल टैक्स क्या है ? जानें नियम और शर्तें
प्रोफेशनल टैक्स अप्रत्यक्ष कर है, जो मुख्यत: राज्य सरकार, विशेष नगरीय निकाय (म्युन्सिपल कॉरपोरेशन) द्वारा सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में कार्यरत व्यक्ति, चार्टेड़ अकाउंटेट, डॉक्टर, वकील व अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में लगे व्यापारियों पर लगाया जाता है। यहां पर आपको प्रोफेशनल टैक्‍स के बारे में विस्‍तार से बताएंगे। 

 

रेवेन्‍यू प्राप्‍त करने का स्‍त्रोत प्राफेशनल टैक्स अधिनयिम की अनुसूची 1 के तहत विशेष 'व्यक्ति' को प्रोफेशनल टैक्स देने का उत्तरदायी माना गया है, उसे विभिन्न केटेगेरी में अलग-अलग टैक्‍स की 21 प्रविष्ठियों में दर्शाया गया है। अलग-अलग श्रेणी में वर्गीकृत किए गए व्यक्तियों के लिए प्रोफशनल टैक्स की दर क्या होगी, उसे अनुसूची 1 में उपलब्ध कराया गया है। प्रोफेशनल टैक्स सरकार को रेवेन्यू प्राप्त करने का स्‍त्रोत है, जिससे राज्य सरकारों को रोजगार गारन्टी जैसी योजनाओं को चलाने में मदद मिलती है।

 

भारत में ये राज्‍य सरकारें प्रोफेशनल टैक्स लगाती हैं भारत में जो राज्य सरकारें प्रोफेशनल टैक्स लगाती हैं, वे हैं- आन्ध् प्रदेश, असम, छतीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, मेघालय, मघ्यप्रदेश, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, त्रिपुरा ,पश्चिमी बंगाल और अन्य राज्य - हरियाणा, उत्तरप्रदेश केन्द्र शासित राज्य जिसमें दिल्ली व चंड़ीगढ़ भी सम्मिलित है।

 

इनकम टैक्‍स की तरह ही माना गया है प्रोफेशनल टैक्‍स 


कर्मचारियों के वेतन से प्रोफेशन टैक्स कटौती के लिए नियोक्ताओं को जिम्मेदारी दी जाती है जो कर्मचारी सेवारत है, उनका प्रोफेशनल टैक्स कंपनी के द्वारा काटा जाता है और जिस जगह पर कम्पनी का कार्यालय हैं वहां से सरकार के पास जमा कराया जाता है। प्रोफेशनल टैक्स को इनकम टैक्स की तरह ही माना जाता है। जितना प्रोफेशनल टैक्स काटा जाता है, उसके जगह पर आयकर की छूट मिलती है।

 

प्रोफेशन टैक्स आथारिटी से छूट का प्रमाण पत्र

जिस व्यक्ति को प्रोफेशन टैक्स देने के दायित्व से मुक्त माना जाता है, उसे एक महीने के भीतर प्रोफेशन टैक्स आथारिटी से छूट का प्रमाण पत्र लेना होता है। उस मामले में जिसमें एक व्यक्ति की नियुक्ति किसी निर्धारित कम्पनी में होती है तब नियुक्ति के बाद पे रोल मे रखें जाने का प्रमाण पत्र प्राप्त रहता है। यदि कम्पनी का कार्य अन्य राज्यों में भी संचालित होता है तब नियोक्ता को उस राज्य की ऑथोरिटी को स्थान के बारें में सूचित करना होगा, जो उस राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है।

 

प्रोफेशनल टैक्स की दर जो लगार्इ जाती है 

प्रोफेशनल टैक्स की दर सभी राज्यों में अलग-अलग होती है। राज्य सरकारें व्यवसाय का प्रकार, व्यवसायक की अवधि एवं कुल आय का टर्न ऑवर कितना है, उस आधार पर प्रोफेशनल टैक्स की दर निर्धारित करती है। यदि अधिकतम 2400 रुपए वार्षिक प्रोफेशनल टैक्स दिया जाता है तब इसकी गणना तभी की जा सकेगी जब उस व्यक्ति के वेतन की पूर्व में निर्धारित की हुर्इ दर उपलब्ध हों। प्रोफेशनल टैक्स का भुगतान चालान न. 8 से किया जाता है।

 

 
 

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