Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 11:28 AM
ब्लू व्हेल गेम का कहर भारतीय युवाओं में भी फैलने लगा है। इस गेम का चार्म जहां युवाओं व बच्चों में बढ़ रहा है, वहीं अभिभावकों में इसका डर घर कर गया है। अपने बच्चों को इस गेम से कैसे दूूर रखें, इसकी ङ्क्षचता अभिभावकों को ज्यादा सताने लगी है।
जालंधर(रविंदर शर्मा): ब्लू व्हेल गेम का कहर भारतीय युवाओं में भी फैलने लगा है। इस गेम का चार्म जहां युवाओं व बच्चों में बढ़ रहा है, वहीं अभिभावकों में इसका डर घर कर गया है। अपने बच्चों को इस गेम से कैसे दूूर रखें, इसकी ङ्क्षचता अभिभावकों को ज्यादा सताने लगी है।
इस गेम की हकीकत जानने के लिए देश की खुफिया एजैंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। गेम का सच जानने के लिए खुफिया एजैंसियों के साथ-साथ साइबर सैल खुद ब्लू व्हेल गेम खेलेंगे। यह पता लगाया जाएगा कि आखिर एडमिन इसमें गेम खेलने वाले को कैसे सुसाइड के लिए मजबूर करता है। ब्लू व्हेल गेम के अचानक वायरल होने के बाद पहले विदेशों में इसका जमकर कहर बरपा और कई बच्चों ने मौत को गले लगा लिया। अब इस गेम का चार्म भारत में भी खुलकर एंट्री मार चुका है।
भारत में भी इस गेम से मौत को गले लगाने के मामले सामने आने लगे हैं। भारत सरकार ने चाहे इस गेम के सभी ङ्क्षलक को ब्लाक करने का आदेश दिया है मगर साथ ही देश की खुफिया एजैंसियां इस गेम के पीछे की हकीकत को जानना चाहती हैं। साइबर सैल के अधिकारियों का कहना है कि हमने अपने स्तर पर इस गेम की बारीकियों को जानने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। खुफिया एजैंसियां चाहती हैं कि इस गेम के मकसद तक पहुंचा जाए और खास तौर पर पेरैंट्स को अवगत कराया जाए।
सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रैंड और विभिन्न साइट्स तथा व्हाट्सएप ग्रुप्स को भी पुलिस मॉनीटर कर रही है। साइबर सैल ने पेरैंट्स को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों की तरफ से मोबाइल पर ज्यादा गेम खेलते वक्त उन पर नजर रखें। साथ ही बच्चों की असामान्य गतिविधियों पर भी नजर रखें। अगर उन्हें लगे कि उनका बच्चा ऐसी किसी गेम के जाल में फंस गया है तो तुरंत उसकी काऊंसलिंग करवाएं। सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजैंसियां व साइबर सैल ब्लू व्हेल गेम के सॉफ्टवेयर के बारे में बारीकी से जांच कर पता लगाएंगे कि आखिर बच्चे कैसे सुसाइड करने या सुसाइड की कोशिश करने को मजबूर हो जाते हैं। एजैंसियां अपने स्तर पर इस गेम को खेलकर पता लगाएंगी कि कौन-कौन से स्टैप पर क्या-क्या टास्क दिया जाता है।
मानसिक तौर पर परेशान बच्चों को निशाना बनाता है एडमिन
ब्लू व्हेल गेम को डाऊनलोड नहीं किया जा सकता। इसे एडमिन ही खिलाता है। साइबर सैल को मिली जानकारी के मुताबिक इसमें एडमिन खास तौर पर मानसिक तौर पर परेशान बच्चों को चूज करते हैं और फिर उन्हें खुद गेम खिलवाकर उन्हें टास्क देते हैं। इस गेम का मालिक पहले ही यह बयान दे चुका है कि उसने ऐसे बीमार लोगों, जो समाज के लिए कुछ नहीं कर सकते, को खत्म करने के लिए इस गेम की रचना की थी।
ब्लू व्हेल पर बैन के बाद हैकर्स ने बनाईं 3 और गेम साइट्स
ब्लू व्हेल पर देश में प्रतिबंध के बाद अब ऐसी ही गेम की 3 अन्य साइट्स को हैकर्स ने भारत में फैला दिया है। इनमें से एक गेम का नाम साइलैंट हाऊस, दूसरी का वेकअप ऐट द रेट 4.20 ए.एम. व तीसरी का डीप सी व्हेल है। इन तीनों गेमों पर भी अब खुफिया एजैंसियां नजर रख रही हैं।