दानियों का रक्त सरकारी ब्लड बैंक में हो रहा खराब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 11:20 AM

blood bank amritsar

रक्तदानियों द्वारा रक्तदान इस भावना से किया जाता है कि उनके द्वारा दान किए रक्त से किसी मरीज की जान बचाई जा सकेगी परंतु यह बहुमूल्य रक्त सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण खराब हो रहा है। गुरु नानक देव अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक में खराब पड़े ए.सी....

अमृतसर(दलजीत): रक्तदानियों द्वारा रक्तदान इस भावना से किया जाता है कि उनके द्वारा दान किए रक्त से किसी मरीज की जान बचाई जा सकेगी परंतु यह बहुमूल्य रक्त सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण खराब हो रहा है। गुरु नानक देव अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक में खराब पड़े ए.सी. के कारण भारी गर्मी में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा ब्लड ग्रुप मैच किया जाता है तो रक्त के सैंपल सूख जाते हैं।

इसके अलावा रक्त में से निकाले जाने वाले प्लेटलैट्स भी तापमान अधिक होने के कारण खराब हो रहे हैं। पिछले एक माह में लगभग 15 ब्लड यूनिट सरकारी लापरवाही के कारण खराब हो गए हैं। 2 वर्ष से खराब पड़े ए.सी. यूनिट को ठीक करवाने के लिए आज तक विभाग के प्रमुख ने गंभीरता नहीं दिखाई है। जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक का ए.सी. यूनिट 2 वर्ष से खराब पड़ा है। बैंक में भीषण गर्मी होने के कारण कर्मचारियों का काम करना भी दुश्वार हुआ पड़ा है। ब्लड  मैचिंग के दौरान गर्मी के कारण टैस्ट स्लाइड पर ही रक्त सूख जाता है। 

टीम ने ब ब्लड बैंक का अचानक दौरा किया तो देखा कि दानियों द्वारा दान किया गया रक्त बेकार हो रहा था। ब्लड बैंक में सुबह के टैस्ट करवाने के लिए रखे सैंपल गर्मी के कारण खराब हो गए थे। कंपोनैंट रूम में मशीनों की भारी गर्मी होने के कारण प्लेटलैट्स पिघल रहे थे।बैंक में नैशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी के नियमों को दरकिनार करते हुए काम किया जा रहा था। तैयार किए गए रक्त को रखने के लिए रैफ्रीजरेटरों का प्रबंध तो था परंतु बनाने के समय तापमान ठीक रखने के लिए ए.सी. यूनिट बंद पड़ा था।

ब्लड बैंक में बिजली चले जाने के बाद न तो जैनरेटर और न ही इन्वर्टर की व्यवस्था थी। अस्पताल के विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी दी कि कई  बार एक घंटे से अधिक ब्लड यूनिट फ्रीजर से बाहर रह जाते हैं तो खराब हो जाते हैं। प्लेटलैट्स भी प्राय: मैल्ट हो रहे हैं। ए.सी. यूनिट ठीक करवाने के लिए कई बार ब्लड बैंक की इंचार्ज नीरजा शर्मा को कहा गया है परंतु उन्होंने कोई ठोस हल आज तक नहीं निकाला है। उन्होंने बताया कि ए.सी. न चलने के कारण कर्मचारियों को भी काम करने में भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

रात के समय जब बिजली चली जाती है तो ब्लड बैंक में एकदम सन्नाटा छा जाता है। वर्णनीय है कि कुछ दिन पहले ही गुरु नानक देव अस्पताल के सर्जरी आप्रेशन थिएटर में ए.सी. प्लांट खराब होने के कारण एक डॉक्टर तथा स्टाफ नर्स आप्रेशन के दौरान बेहोश हो कर गिर गए थे। थिएटर के डॉक्टरों तथा स्टाफ नर्सों ने आप्रेशन करने से मना कर दिया था परंतु मैडीकल कालेज के प्रिं. डा. तेजबीर के आश्वासन के बाद स्टॉफ ने आप्रेशन करने शुरू कर दिए थे। 

ब्लड बैंक में रक्त का अकाल 
गुरु नानक देव अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त का अकाल पड़ गया है। आज जब मरीजों के परिजन ब्लड बैंक से रक्त लेने के लिए आ रहे थे तो सभी को ‘रक्त नहीं है’ कह कर वापस भेजा जा रहा था। अस्पताल प्रशासन के पास तैयार किए गए ए पॉजीटिव के 8, ए नैगेटिव के 3, बी पॉजीटिव का 1, ओ पॉजीटिव का 1, ए-बी नैगेटिव के 3, ए-बी पॉजीटिव का 1 यूनिट था। मरीजों के लिए रक्त लाने के लिए परिजन परेशान होते दिखाई दिए। सूत्र बताते हैं कि पर्याप्त मात्रा में रक्त दान कैंप न लगने के कारण ब्लड बैंक में रक्त का अकाल पड़ गया है। 

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