Edited By Updated: 19 Feb, 2017 11:38 AM
उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है।
जालंधर(पाहवा): उत्तर प्रदेश सहित देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का दौर चल रहा है। इस दौर में भारतीय जनता पार्टी अधिक से अधिक राज्यों में अपनी सरकार बनाने के लिए आतुर है। इसी बीच ओडिशा में पंचायत चुनाव चल रहे हैं, लेकिन 2 चरणों के मतदान के बाद भाजपा में खुशी की लहर देखने को मिल रही है, जिस कारण पार्टी में अब ओडिशा में खुद को मजबूत करने के लिए अभियान का आगाज करने की योजना बनाई है।
पहले 2 चरणों में उसे जोरदार कामयाबी मिली है और वह सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) को कड़ी टक्कर दे रही है। दो चरणों के बाद भाजपा ने 364 जिला परिषद की सीटों में से 129 पर जीत दर्ज की है, जबकि बीजद नंबर एक पर है और उसे 200 सीटें मिली हैं, लेकिन पहले की तुलना में उसका आंकड़ा कम हो गया है। कांग्रेस 27 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। माना जा रहा है कि भाजपा को तीसरे चरण में 175 में से 60 सीटें मिल सकती हैं। अगर भाजपा का यही ट्रैंड जारी रहा तो वह 330-340 सीटें जीत सकती है, जोकि पंचायत चुनावों में उसका अब तक का शानदार प्रदर्शन होगा।
यहां पर चुनाव 21 फरवरी को पूरे होंगे और चुनाव आयोग 23 को आधिकारिक रूप से परिणाम जारी करेगा। 5 साल पहले 2012 में भाजपा को मात्र 36 सीटें मिली थीं। 2012 के चुनावों में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद ने पंचायत चुनावों में इकतरफा जीत दर्ज की थी। बीजद ने 854 सीटों में से 77 प्रतिशत पर कब्जा किया था। कांग्रेस 13 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर थी। 2014 के विधानसभा चुनावों में भी यही सिलसिला जारी रहा और बीजद को 147 में से 119 पर विजय मिली। वहीं लोकसभा में चुनावों में 21 में से 20 सीटें उसके पाले में गई थी।
बीजद नेता कहते हैं कि भाजपा कुछेक इलाकों में जीती है।
यह डेंगू बुखार की तरह है। यह किसी को मारता नहीं है और समय पर इलाज किया जाए तो इसे मिटाया जा सकता है। हालांकि चुनावी नतीजों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। मयूरभंज जिले में खेल मंत्री सुदम मरांडी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा ने यहां पर बहुमत हासिल किया है। एक समय बीजद के गढ़ रहे केंद्रपाड़ा जिले में भाजपा ने 14 में से 8 सीटें जीती। बोलंगीर जिले में 13 में से 10 जीतकर भाजपा ने बीजद के सांसद पिता-पुत्र एयू सिंह देव और कलिकेश सिंह देव के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि इन नतीजों से बीजद में खलबली है और संभव है कि आने वाले समय में उसके कई नेता भगवा पार्टी का दामन थाम लें।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों में 2016 की तुलना में कम सीटें मिलती हैं तो वह ओडिशा जैसे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर इसकी पूर्ति कर सकती है।