Edited By Vatika,Updated: 29 Jul, 2019 12:45 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ विवाद के बाद पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिद्धू अभी भी चर्चा में बने हुए हैं। अब वह मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक आम विधायक के तौर पर लोगों को सेवा दे रहे हैं। अब उनके बारे में नई बात सामने आई है।
मोहाली: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ विवाद के बाद पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिद्धू अभी भी चर्चा में बने हुए हैं। अब वह मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक आम विधायक के तौर पर लोगों को सेवा दे रहे हैं। अब उनके बारे में नई बात सामने आई है।
दरअसल स्थानीय निकाय विभाग और संस्कृतिक मामलों के मंत्री रहते हुए नवजोत सिद्धू की तरफ से छत्तबीड़ चिड़िया घर में एक बंगाल टाइगर जोड़े को गोद लिया गया था। यह खबर उस समय भी चर्चा का विषय बनी थी। आज वर्ल्ड टाइगर डे पर हमने सोचा क्यों न आपको सिद्धू के गोद लिए टाइगरों का हाल ही बात दिया जाए।'पंजाब केसरी' की टीम जब छत्तबीड़ चिड़िया घर पहुंची तो खुलासा हुआ कि नवजोत सिद्धू ने कोई टाइगर गोद ही नहीं लिया था और न ही वह उनका खर्चा उठा रहे हैं।
दरअसल कैबिनेट मंत्री रहते हुए सिद्धू 18 जनवरी को जीरकपुर स्थित छत्तबीड़ चिड़िया घर का जायजा लेने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने वहां एक शेर 'अमन' और शेरनी 'दीया' को देखा। इन्हें देखकर वह इस कदर फिदा हुए कि उन्होंने टाइगर जोड़े को गोद लेने का ऐलान कर दिया। उस समय चिड़ियाघर के रेंज अधिकारी का कहना था कि इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि टाइगर जोड़ी को किसी की तरफ से गोद लिया गया हो। उस समय बंगाली टाइगर अमन की उम्र 6 साल जबकि दीया 5 साल की थी। उन्होंने बताया था कि इस जोड़ी के खाने -पीने और रख-रखाव पर सालाना 4 लाख रुपए तक का खर्च आता है।