Edited By Urmila,Updated: 23 Jan, 2023 10:09 AM
![bharatiya kisan union ekta dakonda made vigorous preparations](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_1image_10_05_157511344kissan-ll.jpg)
जत्थेबंदी द्वारा पंजाब के 16 जिलों में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी के साथ ट्रैक्टर मार्च किए जाएंगे।
चंडीगढ़ : भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा) ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 जनवरी को देशभर में जिला स्तर पर किए जाने वाले ट्रैक्टर मार्चों और जींद में उत्तर भारत के किसानों की बड़ी महापंचायत में शिरकत के लिए जोरदार तैयारी कर ली है। इसके अलावा पक्खो कैंचीयां टोल प्लाजा पर भी जत्थेबंदी द्वारा विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा। जत्थेबंदी द्वारा अब तक 554 गांवों में बैठकें की जा चुकी है।
बी.के.यू. (डकौंदा) के प्रैस सचिव बलवंत सिंह उप्पली ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंजीत सिंह धनेर, महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला, उपाध्यक्ष गुरदीप सिंह रामपुरा, गुरमीत सिंह भट्टीवाल, दर्शन सिंह रायसर, कोषाध्यक्ष राम सिंह मटोरड़ा और विशेष राज्य कमेटी सदस्य कुलवंत सिंह किशनगढ़ के नेतृत्व में राज्य के 16 जिलों संगरूर, पटियाला, बठिंडा, बरनाला, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब, मनसा, फतेहगढ़ साहिब, मोहाली, कपूरथला, जालंधर, गुरदासपुर, तरनतारन, लुधियाना के 554 से अधिक गांवों में लामबंदी के लिए बैठकें की जा चुकी हैं।
जत्थेबंदी द्वारा पंजाब के 16 जिलों में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी के साथ ट्रैक्टर मार्च किए जाएंगे। इसके साथ ही मालवा से हजारों किसान जींद (हरियाणा) में होने वाली किसान महापंचायत के लिए रवाना होंगे। पक्खो-कैंचीयां टोल प्लाजा पर जत्थेबंदी द्वारा विशाल जनसभा की जाएगी। संगठन के महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवम्बर, 2021 को केंद्र सरकार को लिखे पत्र में अपनी 6 लंबित मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इसके जवाब में 9 दिसम्बर, 2021 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने संयुक्त किसान मोर्चा को एक पत्र लिखा।
इस पत्र में उन्होंने सरकार की ओर से कई मुद्दों को हल करने का आश्वासन दिया और आंदोलन वापस लेने की अपील की। सरकार के इस पत्र पर भरोसा करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने 11 दिसम्बर, 2021 को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे मोर्चे और सभी रोष प्रदर्शनों को स्थगित करने का निर्णय लिया था। आज 15 महीने से अधिक बीत जाने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने किसानों से किए गए वायदे पूरे नहीं किए हैं।
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