Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 12:57 PM
जेलों का आधुनिकीकरण व मॉडर्न जेल बनाने को लेकर बेशक पंजाब सरकार ने प्रस्ताव पारित कर 4 जेलों को तो मॉडर्न बना दिया लेकिन इन जेलों में जैमर न लगाए जाने से कैदी व हवालाती धड़ल्ले से मोबाइल व इंटरनैट का इस्तेमाल करते हैं। बठिंडा सैंट्रल जेल में जैमर न...
बठिंडा (विजय): जेलों का आधुनिकीकरण व मॉडर्न जेल बनाने को लेकर बेशक पंजाब सरकार ने प्रस्ताव पारित कर 4 जेलों को तो मॉडर्न बना दिया लेकिन इन जेलों में जैमर न लगाए जाने से कैदी व हवालाती धड़ल्ले से मोबाइल व इंटरनैट का इस्तेमाल करते हैं। बठिंडा सैंट्रल जेल में जैमर न लगने के कारण कैदी व हवालाती आराम से मोबाइल फोन व इंटरनैट सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कारण सैंट्रल जेल में बंद डबल मर्डर केस के आरोपी ललित कुमार उर्फ लाली ने फिरोजपुर निवासी (गवाह) को फोन पर धमकी देकर पुलिस व जेल प्रबंधन में खलबली मचा दी। आनन-फानन में पुलिस ने देर रात सर्च कर सैमसंग कंपनी का मोबाइल बरामद कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जैमर लगाने का प्रस्ताव पास लेकिन फंड नहीं
सैंट्रल जेल में जैमर लगाने का प्रस्ताव तो राज्य सरकार पारित कर चुकी है परंतु बजट में कोई फंड नहीं रखा गया, जिसके चलते यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में है। जेल में जैमर लगाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रा’य सरकार ने यहां एक सर्वेक्षण भी कराया था, मगर उसके बाद कोई कदम नहीं उठाया गया। यही कारण है कि जेलों में बंद कैदियों व हवालातियों से मोबाइल मिलने की घटनाओं को लेकर बठिंडा जेल हमेशा सुर्खियों में रहती है।
40 एकड़ में बनी मॉडर्न जेल
इससे पहले सैंट्रल जेल पुलिस लाइन परिसर के पास थी। मगर जून 2015 में उसे गांव गोङ्क्षबदपुरा स्थानांतरित कर दिया गया। पुरानी जेल कम जगह में थी और वहां कैदियों को रखने की क्षमता कम थी। पंजाब के जेल अधिकारियों ने उ‘च सुरक्षा मापदंडों के साथ 69 एकड़ जगह में 2 नई जेलों की इमारतों का निर्माण किया था। इसमें पुरुषों की जेल 40 एकड़ में और महिलाओं की जेल 29 एकड़ में बनाई गई। इसके बावजूद जेल से मोबाइल फोन और नशीले पदार्थों का बरामद होना जेल के सुरक्षा प्रबंधों पर सवालिया निशान खड़े करता है।
डेढ़ वर्ष में 34 मोबाइल बरामद
बठिंडा की मॉडर्न जेल में विभिन्न बैरकों में बंद कैदियों व हवालातियों से विगत डेढ़ वर्ष के दौरान &4 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने कैदियों व हवालातियों के नाम से केस दर्ज किए हैं। उनमें से 6 मोबाइल बरामदगी के मामलों में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 188 व प्रोवीजनल जेल मैनुअल एक्ट 32 के तहत केस दर्ज किए हैं। इसके अलावा सर्च के दौरान भारी मात्रा में नशीली दवाइयां, पाऊडर तक बरामद हो चुका है।