Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Oct, 2017 11:38 AM
आपकी आवाज पंजाब केसरी की रिपोर्ट ने सरकार की आंखें खोल दी हैं। इंडियन आयल ने जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन ....
जालंधर: आपकी आवाज पंजाब केसरी की रिपोर्ट ने सरकार की आंखें खोल दी हैं। इंडियन आयल ने जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन एयर टरबाइनल फ्यूल यानी ए.टी.एफ . के दाम 3025 रुपए प्रति किलोलीटर तक बढ़ा दिए हैं।
ए.टी.एफ . की कीमतों में यह जनवरी 2017 के बाद अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। इससे पहले जनवरी 2017 में 4161 रुपए प्रति किलोलीटर की वृद्धि की गई थी। पंजाब केसरी ने 15 सितम्बर के अपने अंक में लिखा था कि तेल मार्कीटिंग कंपनियां जनता का तेल निकाल कर उसका फायदा एयरलाइंस कंपनियों को दे रही हैं। पैट्रोल और डीजल के दाम कच्चे तेल की कीमतों के साथ जोडऩे के बाद आम जनता के उपयोग में आने वाले पैट्रोल और डीजल की कीमतें तो बेतहाशा बढ़ी हैं लेकिन एयरलाइंस कंपनियों पर मेहरबानी दिखाई जा रही है।
पंजाब केसरी की इस रिपोर्ट के बाद कच्चे तेल की कीमत बढऩे और डालर के मुकाबले रुपए के लुढ़कने के बावजूद तेल मार्कीटिंग कंपनियों ने पिछले 15 दिन में पैट्रोल और डीजल की कीमतों में नाममात्र वृद्धि की है। दिल्ली में 15 सितम्बर को पैट्रोल की कीमत 70.43 रुपए प्रति लीटर थी जो अब 33 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 70.76 रुपए प्रति लीटर है, जबकि ए.टी.एफ. के दाम में 3 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। पिछले एक महीने में पैट्रोल के दाम 1.50 रुपए बढ़े हैं। इनमें से 1.17 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि 15 सितम्बर से पहले ही कर दी गई थी।
क्या था पंजाब केसरी की 15 सितम्बर की रिपोर्ट में
तीन साल पहले यानी 15 सितम्बर 2014 को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 96.74 डालर प्रति बैरल थे जो आज 53.83 डालर प्रति बैरल हैं यानी 2014 के स्तर से लगभग 43 डालर प्रति बैरल कम हैं। इस दौरान पैट्रोल के दाम 68.51 रुपए प्रति लीटर थे जबकि डीजल के दाम 58.97 रुपए प्रति लीटर थे। आज पैट्रोल के दाम 70.39 और डीजल के दाम 58.74 रुपए प्रति लीटर हैं यानी भाव लगभग उसी स्तर पर हैं लेकिन सबसे ज्यादा हैरान करने वाला आंकड़ा ए.टी.एफ . के दाम का है। आज दिल्ली में ए.टी.एफ . के दाम 50,020 रुपए प्रति किलोलीटर हैं, जबकि सितम्बर 2014 में यह 69603.25 रुपए प्रति किलोलीटर थे।
एक किलोलीटर में 1000 लीटर होते हैं इस हिसाब से एयर टरबाइनल फ्यूल की कीमत में करीब 19 रुपए प्रति लीटर की कमी है। तेल मार्कीटिंग कंपनियों ने फिलहाल ए.टी.एफ . के दाम में 3 रुपए लीटर की वृद्धि की है और अभी भी पैट्रोल की तुलना में तीन साल पहले के दाम के मुकाबले ए.टी.एफ . 16 रुपए प्रति लीटर सस्ता है यानी यदि कच्चे तेल के दाम में ज्यादा तेजी आती है तो तेल मार्कीटिंग कंपनियां ए.टी.एफ . के दाम बढ़ाकर उसकी भरपाई वाला रास्ता अपना सकती हैं लेकिन इसका बोझ हवाई सफर करने वाले यात्रियों की जेब पर भी पडऩे के आसार हैं।
पैट्रोल पर कम करना होगा उत्पाद शुल्क
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरती कीमतों को आधार बनाकर वित्त मंत्रालय ने 2015 में ही पैट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था। 2014 में कच्चे तेल के दाम 120 डालर प्रति बैरल थे और इनके 30 डालर तक गिरने से सरकार का आयात शुल्क से होने वाला राजस्व एक चौथाई रह गया था लिहाजा सरकार ने पैट्रोल पर 14 फीसदी उत्पाद शुल्क के साथ-साथ 15 रुपए प्रति लीटर का टैक्स लगा दिया, जबकि डीजल पर यह टैक्स 14 प्रतिशत उत्पाद शुल्क के अलावा 5 रुपए प्रति लीटर है।
हाई स्पीड डीजल पर भी पैट्रोल के समान 15 रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त शुल्क है, जबकि ए.टी.एफ . पर मात्र 14 प्रतिशत उत्पाद शुल्क है और इस पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया है। लेकिन अब कच्चा तेल 60 डालर प्रति बैरल के करीब है तो ऐसे में उस राजस्व में पचास फीसदी का ही घाटा बचा है। यू.पी.ए. की सरकार के समय पैट्रोल पर 9.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए प्रति लीटर कर था। अब कच्चे तेल के दाम अपने न्यूनतम स्तर से 60 फीसदी तक उछल चुके हैं लिहाजा सरकार को कच्चे तेल के आयात पर मिलने वाले शुल्क में भी वृद्धि हुई है लेकिन इसके बावजूद अभी तक पैट्रोल और डीजल पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क में राहत नहीं दी गई है। यदि हम 2014 के मुकाबले कच्चे तेल से मिलने वाले राजस्व में 60 फीसदी की कमी भी मानें तो भी वित्त मंत्रालय के पास अभी भी कम से कम 6 रुपए प्रति लीटर तक की कर छूट देने का रास्ता खुला है।