अमरेन्द्र सरकार ने एल1-ए लाइसैंस को समाप्त कर सियासतदानों का एकाधिकार खत्म किया

Edited By Updated: 21 Mar, 2017 12:59 AM

amrendra sarkar abolishes l1a license and abolishes monopoly of political rights

पंजाब में अमरेन्द्र सरकार द्वारा अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को....

जालंधर(धवन): पंजाब में अमरेन्द्र सरकार द्वारा अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी देते हुए सुपर एल1-ए लाइसैंस को खत्म कर देने से शराब ठेकेदार उत्साहित हैं। शराब ठेकेदार काफी समय से एल1-ए लाइसैंस को खत्म करने की वकालत कर रहे थे। पूर्व बादल सरकार के समय एल1-ए लाइसैंस केवल 5 सियासतदान परिवारों के पास थे। ये परिवार सत्ता के काफी नजदीक माने जाते थे।

शराब ठेकेदारों का मानना है कि एल1-ए लाइसैंस के तहत डिस्टलरियों से शराब एल1-ए लाइसैंस धारक के पास जाती थी। एल1-ए लाइसैंस धारक इस शराब को आगे एल1 को देता था तथा एल1 से आगे सप्लाई रिटेलर के पास जाती थी। यह मामला पिछले समय में हाईकोर्ट में भी पहुंचा था। उसके बावजूद एल1-ए की प्रथा लगातार चलती आ रही थी। 

शराब माफिया पर नुकेल कसते हुए अमरेन्द्र सरकार ने पहले ही झटके में एल1-ए की पुरानी प्रथा को खत्म करने का निर्णय ले लिया। अब शराब डिस्टलरी से सीधे एल.1-लाइसैंस धारक के पास जाएगी तथा वहां से शराब आगे रिटेलर को मिलेगी। इस तरह इस नए सिस्टम में एक बिचौलिए को खत्म कर दिया गया है। इससे राज्य में गैर-कानूनी ढंग से बिकने वाली शराब पर रोक लगेगी तथा शराब तस्करी भी कम हो जाएगी। ठेकेदारों का मानना है कि ज्यादा कोटा होने के कारण रेट भी टूट रहे थे, जिस कारण ठेकेदारों को भारी नुक्सान होता था।

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