Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 11:24 AM
पराली से निकलने वाले धुएं व पटाखों के प्रदूषण ने वायु प्रदूषण स्तर को खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है।
अमृतसर(नीरज): पराली से निकलने वाले धुएं व पटाखों के प्रदूषण ने वायु प्रदूषण स्तर को खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है। हालात ये हैं कि गुरु की नगरी अमृतसर में ही एयर क्वालिटी इंडैक्स 183 के पार पहुंच गया है जबकि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडैक्स 324 के करीब है हालांकि धान की 90 प्रतिशत के करीब फसल की कटाई की जा चुकी है लेकिन अभी भी कुछ स्थानों में पराली जलाने का काम जारी है और प्रशासन भी इस मामले में हाथ खड़े कर चुका है क्योंकि राजनीतिक दबाव ही इतना है कि अधिकारी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
100 तक ए.क्यू.आई. जीवन के लिए सेफ
प्रदूषण कंट्रोल विभाग के मापदंडों पर नजर डालें तो 100 तक ए.क्यू.आई. जीवन के लिए सेफ है परन्तु अमृतसर में तो यह खतरनाक हद तक पहुंच गया है। यदि पराली जलाने का काम इसी तरह से जारी रहा तो ए.क्यू.आई. 400 से 500 के बीच तक भी जा सकता है जो समूची मानव जाति के लिए खतरनाक है।
इन हालात में लोगों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सिलैंडर रखना पड़ेगा और प्रदूषित हवा के कारण लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाएंगे। सोमवार के दिन की बात करें तो पराली के स्मॉग जिसको लोग धुंध समझ रहे हैं, उसने सारा दिन अपना असर दिखाया और सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को धीमा करने पर मजबूर कर दिया। शहरी इलाकों में भी सूर्य देवता बादलों में छिपे नजर आए और भी स्मॉग छाई रही।