दोबारा विवादों में घिरा खेतीबाड़ी विभाग : मुख्य खेतीबाड़ी अफसर पर रिश्वत मांगने के आरोप

Edited By Kalash,Updated: 08 Aug, 2022 10:45 AM

agriculture department again embroiled in controversy

एक तरफ जहां सरकार द्वारा समूचे सरकारी विभागों को पारदर्शी ढंग से चलाने व सरकारी दफ्तरों

मोगा (गोपी राऊके): एक तरफ जहां सरकार द्वारा समूचे सरकारी विभागों को पारदर्शी ढंग से चलाने व सरकारी दफ्तरों से पूर्ण तौर पर भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ निचले स्तर पर सरकारी दफ्तरों का अभी भी भगवान ही रखवाला है क्योंकि जमीनी स्तर पर हकूमत बदलने के बाद भी सिलसिला उसी तरह ही चल रहा है।

गत काफी दिनों से सुर्खियों में चलता आ रहा जिला खेतीबाड़ी विभाग दोबारा विवादों के घेरे में आ गया है क्योंकि बधनीकलां निवासी एक पैस्टीसाइड डीलर ने मुख्य खेतीबाड़ी अफसर पर 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान, प्रिंसीपल सचिव व डायरैक्टर खेतीबाड़ी विभाग को शिकायत पत्र भेजकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। दूसरी तरफ खेतीबाड़ी विभाग पंजाब के ज्वाइंट डायरैक्टर द्वारा इस मामले की जांच शुरू की गई है। पंजाब केसरी को वह शिकायत की काॅपी मिली है जिसमें मित्तल फर्टिलाइजर एंड पैस्टीसाइड बधनीकलां के मालिक बोबी मित्तल ने आरोप लगाए हैं।

मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भेज जांच करवाने की मांग

पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायत पत्र में कहा कि एक दिसम्बर 2021 को बधनीकलां में उस समय के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की रैली थी और इस दौरान कुछ होलसेलर बीज मालिकों ने मुख्यमंत्री को फूलों के गुलदस्ते दिए थे जिन्होंने डीलरों को घटिया बीज सप्लाई किया। इस उपरांत मुख्य खेतीबाड़ी अफसर प्रितपाल सिंह के पास उनकी शिकायत करने के लिए गए परन्तु उन्होंने कोई बात नहीं सुनी और 50 हजार रुपए की मांग की। जब मैंने इंकार किया तो इस उपरांत उसके साथ खेतीबाड़ी विभाग का स्टाफ रंजिश रखने लगा और निहाल सिंह वाला विभाग का पूरा स्टाफ दुकान पर आया जिन्होंने लाइव वीडियो द्वारा दुकान की वीडियो जिला खेतीबाड़ी अफसर को दिखाई।

रिश्वत न देने पर लाइसेंस किया रद्द

उसने बताया कि इससे पहले मुख्य खेतीबाड़ी अफसर ने उसकी दुकान से क्रिस्टल कंपनी की अवतार दवाई का सैंपल भरा था जिसकी वैद्यता 7-8 महीने पड़ी थी। उसके द्वारा विनती करने पर भी उन्होंने नई दवाई का सैंपल नहीं भरा। सैंपल फेल होने के बाद 12 जनवरी को मुख्य अफसर फिर दुकान पर आए और पैसों की मांग की। पैसे न देने पर फिर अगले दिन खेतीबाड़ी अधिकारी दुकान पर आए जिन्होंने सेल बंद कर दी जबकि सैंपल सिर्फ एक दवाई का खराब निकला था। इसके साथ ही लाइफ टाइम लाइसेंस होने के बावजूद 14 मार्च को लाइसेंस रद्द कर दिया। इस उपरांत उसने ज्वाइंट डायरेक्टर के पास जाकर लाइसेंस बहाल करवाया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि उसे जानबूझकर खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है। इसलिए इस मामले की जांच करवाई जाए।

विजीलेंस विभाग को भी भेजा जा रहा पत्र

डीलर बोबी मित्तल ने कहा कि खेतीबाड़ी विभाग द्वारा जानबूझकर इस शिकायत का निपटारा नहीं किया जा रहा। अब इस संबंधी विजीलेंस विभाग को शिकायत पत्र भेजा जा रहा है। अगर विजीलेंस विभाग द्वारा मामले की जांच की जाए तो पूरी सच्चाई सामने आ सकती है।

कारोबार के डर से चुप रहते हैं ज्यादातर डीलर : शिकायतकर्त्ता

शिकायतकर्त्ता का कहना है कि कारोबार के डर से ज्यादातर डीलर मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं परन्तु असलियत यह है कि खेतीबाड़ी विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने के लिए डीलरों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि हकूमत बदलने के बाद रिश्वतखोरी बंद होगी परन्तु ऐसा नहीं हो सका।

खेतीबाड़ी अफसर का पक्ष

इस मामले संबंधी जब जिला खेतीबाड़ी अफसर डा. प्रितपाल सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने पूरा मामला सुनने के बाद यह कहकर फोन काट दिया कि वह गाड़ी चला रहे हैं और फिर बात करते हैं परन्तु इसके बाद कई दफा संपर्क करने की कोशिश की गई परन्तु उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

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