Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 10:18 AM
एक तरफ सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पतालों की तरह सहूलियतों से लैस करने के बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं सरकारी दावों के विपरीत जिला मोगा के 70 प्रतिशत सरकारी अस्पताल प्राथमिक सहूलियतों को भी तरस रहे हैं।
निहाल सिंह वाला/बिलासपुर (बावा/जगसीर): एक तरफ सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट अस्पतालों की तरह सहूलियतों से लैस करने के बड़े दावे किए जाते हैं, वहीं सरकारी दावों के विपरीत जिला मोगा के 70 प्रतिशत सरकारी अस्पताल प्राथमिक सहूलियतों को भी तरस रहे हैं।
बेशक विभाग ने अस्पतालों की बिल्डिंगों पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन इनमें पड़े जैनरेटर सैट खराब हो चुके हैं। बिजली गुल होने पर एमरजैंसी केसों में किसी समय भी अनहोनी होने का डर बना रहता है, जिसका खामियाजा बाद में डाक्टरों या स्टाफ को भुगतना पड़ता है। बिना जैनरेटरों के अस्पतालों में पड़ी वैक्सीनेशन भी खराब होने का खतरा बना रहता है।
लाखों की कीमत के जैनरेटर सफेद हाथी बने
मोगा में एक जिला अस्पताल के अलावा 5 सी.एच.सी., 5 ब्लाक पी.एच.सी., 20 पी.एच.सी. तथा मिन्नी पी.एच.सी., 2 रूरल अस्पताल हैं। जिला अस्पताल व सी.एच.सी. में विभाग द्वारा एक्सीडैंट, डिलीवरी आदि में 24 घंटे एमरजैंसी केस की सहूलियत दी हुई है।
ज्यादातर अस्पताल के जैनरेटर खराब
सूत्रों अनुसार 21 के करीब अस्पतालों में विभाग द्वारा जैनरेटर दिए गए हैं, लेकिन पिछले 10-15 सालों से जैनरेटरों की मुरम्मत या सॢवस करवाने की विभाग ने कोई जरूरत नहीं समझी, जिस कारण 80 प्रतिशत जैनरेटर बंद पड़े हैं। रात को एमरजैंसी तथा डिलीवरी केसों दौरान बिजली बंद होने से स्टाफ को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। सी.एच.सी. निहाल सिंह वाला में बेशक 2 जैनरेटर मौजूद हैं, जिनमें एक छोटा तथा एक बड़ी पावर का है, लेकिन दोनों ही जैनरेटर कबाड़ बन चुके हैं। ये जैनरेटर करीब पिछले 4 सालों से बंद हैं। इनको ठीक करने आए अधिकारियों मुताबिक ये दोनों ही जैनरेटर नकारा हैं तथा काम करने के समर्थ नहीं हैं।
जैनरेटर वाले कमरे की हालत भी दयनीय बनी हुई है।इसी तरह मिन्नी पी.एच.सी. बिलासपुर में भी जैनरेटर लंबे समय से खराब हैं। पंजाब सरकार का लंबे समय से बंद पड़े इन जैनरेटरों की तरफ कोई भी ध्यान नहीं है। सी.एच.सी. निहाल सिंह वाला जहां ब्लाक के अलावा नजदीक जिलों के साथ लगते गांवों के मरीज पहुंचते हैं, के स्टाफ ने बताया कि जब बिजली का कट लगता है तो एमरजैंसी सेवाओं में विघ्न पड़ता है।