Edited By Subhash Kapoor,Updated: 20 Feb, 2025 08:20 PM
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पुलिस की अपराध जांच एजेंसी (सीआईए)-1 की हिरासत में पिछले वर्ष हुई भिंडर सिंह की संदिग्ध मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यायिक जांच में सीआईए स्टाफ -1 के इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों को हिरासत में यातना देकर हत्या करने का दोषी...
बठिंडा (विजय वर्मा): पुलिस की अपराध जांच एजेंसी (सीआईए)-1 की हिरासत में पिछले वर्ष हुई भिंडर सिंह की संदिग्ध मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। न्यायिक जांच में सीआईए स्टाफ -1 के इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों को हिरासत में यातना देकर हत्या करने का दोषी पाया गया है। इस मामले में इंस्पेक्टर नवप्रीत सिंह, हेड कांस्टेबल राजविंदर सिंह, कांस्टेबल गगनप्रीत सिंह, हरजीत सिंह और जसविंदर सिंह पर हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में मुकदमा चलेगा। अदालत ने सभी आरोपियों को 27 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है।
हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश
न्यायिक जांच रिपोर्ट में पुलिस की थ्योरी को खारिज करते हुए कहा गया कि पुलिस ने भिंडर सिंह की मौत को आत्महत्या साबित करने की कोशिश की थी। पुलिस ने दावा किया था कि भिंडर सिंह ने गुरु नानक देव थर्मल प्लांट की झील में कूदकर आत्महत्या कर ली थी, लेकिन जांच में डिजिटल और फोरेंसिक साक्ष्यों, डॉक्टरों की रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि उसे हिरासत में अमानवीय यातना दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि भिंडर सिंह को ‘वॉटर बोर्डिंग’ जैसी क्रूर यातना देकर मारा गया था।
सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से पुलिस का झूठ उजागर
न्यायिक जांच में यह भी सामने आ या कि भिंडर सिंह की आखिरी मोबाइल लोकेशन और इंस्पेक्टर नवप्रीत के फोन की लोकेशन 17 अक्तूबर की शाम को एक ही स्थान पर पाई गई थी। वहीं, सीआईए-1 कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज में यह स्पष्ट हुआ कि भिंडर सिंह को शाम 6:58 बजे सीआईए-1 कार्यालय में लाया गया था। रात 9:34 बजे एक वाहन सीआईए-1 परिसर से निकला, जिसके बाद संदिग्ध घटना घटी। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया कि पोस्टमार्टम में दो दिन की देरी पुलिस की मिलीभगत का संकेत देती है।