Edited By Updated: 23 Jan, 2017 09:21 AM
बटाला के सिटी रोड स्थित 2 फर्नीचर हाऊसों के मध्यरात्रि आग की भेंट चढऩे से लाखों की क्षति होने का मामला सामने आया है।घटनास्थल से एकत्रित की गई जानकारी अनुसार सिटी रोड स्थित हंसली पुल के महाजन..........
बटाला (बेरी, सैंडी): बटाला के सिटी रोड स्थित 2 फर्नीचर हाऊसों के मध्यरात्रि आग की भेंट चढऩे से लाखों की क्षति होने का मामला सामने आया है।घटनास्थल से एकत्रित की गई जानकारी अनुसार सिटी रोड स्थित हंसली पुल के महाजन फर्नीचर हाऊस व गुप्ता फर्नीचर हाऊस को विगत मध्यरात्रि अचानक आग लग गई जिसने देखते ही देखते भयानक रूप धारण कर लिया। मौके से यह भी पता चला कि पहले महाजन फर्नीचर हाऊस में आग लगी थी जिसने बाद में साथ लगते गुप्ता फर्नीचर हाऊस को भी अपनी चपेट में ले लिया, जिसके चलते दोनों फर्नीचर हाऊस आग की भेंट चढ़ गए। आग लगने की खबर मिलते ही उक्त फर्नीचर हाऊसों के मालिक चेतन महाजन व सुनील गुप्ता मौके पर पहुंच गए जिन्होंने दमकल विभाग को सूचित किया।
इसके चलते दमकल विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर आग बुझानी शुरू कर दी।इस बारे में सूचना मिलते ही तुरंत एस.डी.एम.बटाला पृथी सिंह, एस.एच.ओ. सिटी विश्वामित्र शर्मा, चौकी इंचार्ज बस स्टैंड अनिल पवार, एक्सियन बिजली बोर्ड सतनाम सिंह बुट्टर, एस.डी.ओ. जगतार सिंह, एस.डी.ओ. जगीर सिंह, जे.ई. बलबीर सिंह व फकीर चंद ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए तुरंत बिजली बंद करवाई। आग बुझती न देख एस.डी.एम. ने तुरंत दमकल विभाग गुरदासपुर, अमृतसर व पठानकोट से गाडिय़ां मंगवाईं। भारी जद्दोजहद के बाद आग पर काबू पा लिया गया। उधर, सूचना मिलते ही विधायक बटाला अश्विनी सेखड़ी, अभिनव सेखड़ी, नगर कौंसिल अध्यक्ष नरेश महाजन, गुड्डू सेठ, साहिल शर्मा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
जानकारी अनुसार आग लगने से हुए नुक्सान के बारे में जब जानकारी देने हेतु महाजन फर्नीचर हाऊस के मालिक चेतन महाजन एवं गुप्ता फर्नीचर हाऊस के मालिक सुनील गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आग लगने से उनका लाखों का नुक्सान हुआ है जिसकी भरपाई होनी मुश्किल है। इस दौरान शहरवासियों ने रोष व्यक्त किया कि बटाला दमकल विभाग की गाडिय़ां काफी पुरानी हो चुकी हैं जिनसे आग बुझाते समय पानी का प्रैशर अच्छी तरह से नहीं बन पाता और आग बुझाने में कर्मचारियों को परेशानियां पेश आती हैं, इसलिए दमकल विभाग को नई गाडिय़ां उपलब्ध करवाई जाएं ताकि अन्य शहरों से गाडिय़ां न मंगवानी पड़ें। समाचार लिखे जाने तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका था।