1984 का दंगा पीड़ित परिवार खा रहा दर-दर की ठोकरें, जानें क्या है मामला

Edited By Updated: 17 Apr, 2017 10:29 AM

1984 sikh riots victim

गांव कोटबख्तू का 1984 दंगा पीड़ित परिवार पिछले कई सालों से दंगा पीड़ित लाल कार्ड बनवाने हेतु दफ्तरों के चक्कर लगा कर दर-दर

रामां मंडी (परमजीत): गांव कोटबख्तू का 1984 दंगा पीड़ित परिवार पिछले कई सालों से दंगा पीड़ित लाल कार्ड बनवाने हेतु दफ्तरों के चक्कर लगा कर दर-दर की ठोकरें खा रहा है। पीड़ित गुरमीत सिंह उर्फ गोगी पुत्र बचन सिंह निवासी कोटबख्तू ने बताया कि साल 1984 में वह मोहल्ला राजा बगान मटिया बुर्ज जिला 24 परगना कोलकाता (पश्चिमी बंगाल) में ट्रांसपोर्ट में चालक का काम करता था। 1984 के दंगे दौरान वह कोलकाता से नौकरी छोड़ कर अपनी जान बचा कर अपने गांव कोटबख्तू जिला भटिंडा में आ बस गया। 


पीड़ित गुरमीत सिंह ने बताया कि अपने दंगा पीड़ित के सभी सबूत समेत दख्र्वास्त तहसीलदार तलवंडी साबो और डिप्टी कमिश्नर भटिंडा की सम्बन्धित शाखा में जमा करवाए हुए हैं। उसने बताया कि उसके सभी दस्तावेज पूरे होने के बावजूद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही और वह डिप्टी कमिश्नर के संगत दर्शनों में भी अपनी समस्याओं को बता चुका है परंतु सम्बन्धित अमला शाखा की तरफ से उसके दस्तावेज पूरे होने के बावजूद उसका लाल कार्ड जारी नहीं किया जा रहा। पीड़ित ने डिप्टी कमिश्नर भटिंडा, सम्बन्धित विभाग के उच्च अधिकारियों और पंजाब सरकार से मांग की है कि उसके दस्तावेजों को ध्यान में रखते हुए उसका दंगा पीड़ित लाल कार्ड बनवाया जाए।

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