सड़क हादसों को खुली दावत दे रहे अवैध रास्ते, प्रशासन बेपरवाह

Edited By Anjna,Updated: 28 May, 2018 01:31 PM

development news

कहावत है सुरक्षा घटी और दुर्घटना घटी, लेकिन वहां पर क्या होगा जहां सरकारी अधिकारियों से लेकर नैशनल हाईवे नंबर-1 की देखरेख में लगे सरकारी अमले को सारी हकीकत का पता हो और फिर भी हर कोई चुप्पी साधे आराम की गहरी नींद सो रहा हो....

फगवाड़ा (जलोटा): कहावत है सुरक्षा घटी और दुर्घटना घटी, लेकिन वहां पर क्या होगा जहां सरकारी अधिकारियों से लेकर नैशनल हाईवे नंबर-1 की देखरेख में लगे सरकारी अमले को सारी हकीकत का पता हो और फिर भी हर कोई चुप्पी साधे आराम की गहरी नींद सो रहा हो? जी हां यह सच्चाई है और फगवाड़ा में इसका खुला प्रमाण बना है नैशनल हाईवे नंबर-1। सुनने अथवा पढऩे में भले ही अजीब लगे लेकिन सच्चाई यह है कि भारत सरकार द्वारा नैशनल हाईवे नंबर-1 पर सड़क हादसों को रोकने के लिए मेन हाईवे नंबर-1 के दोनों तरफ लाखों रुपए खर्च कर लोहे की ग्रिलें इसलिए स्थापित की हैं कि कोई राहगीर अथवा अन्य व्यक्ति चाहकर भी नैशनल हाईवे नंबर-1 पर तेज गति में गुजरते वाहन की चपेट में आकर सड़क हादसे का शिकार न हों अथवा कोई बड़ा सड़क हादसा न घटे।

लेकिन फगवाड़ा सहित नैशनल हाईवे नंबर-1 पर ऐसे अनेक जानलेवा नजारे खुलेआम देखने को मिल सकते हैं जहां लोगों द्वारा उक्त लोहे की ग्रिलों को उखाड़ वहां पर अवैध ढंग से सड़क पार करने के लिए खतरनाक रास्ते बनाए हुए हैं। इसके चलते दिन हो या रात 24 घंटे मौत का खुला तांडव पेश करते उक्त अवैध गैर-कानूनी रास्तों का प्रयोग कर साइकिल सवार व अन्य लोग मेन हाईवे नंबर-1 पर तेज गति में आते वाहनों की परवाह किए बगैर सड़क के एक ओर से दूसरी ओर आते-जाते रहते हैं।

परिणामस्वरूप फगवाड़ा में कई मौकों पर इन स्थलों पर बड़े सड़क हादसे घटे हैं और यह दौर बदस्तूर 24 घंटे वर्ष के 12 महीने निरंतर जारी रहता है। इसके कारण कई लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं, लेकिन इन सबके बावजूद न तो लोहे की ग्रिलें उखाड़ लोगों द्वारा खुद ही खोजे गए इन खतरनाक अवैध रास्तों को प्रभावी ढंग से बंद करने की आज तक सरकारी स्तर पर कोई पहल हुई है और न ही ऐसा कोई प्रयास हाईवे नंबर-1 का रख-रखाव करती नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा जनहित में किया गया है। दुखद पहलू यह है कि इस गंभीर समस्या की पूरी जानकारी होने के बाद भी फगवाड़ा ट्रैफिक पुलिस भी खामोशी साधे हुए है।

वहीं हालात का दूसरा पहलू यह है कि सरकारी अमला, भारत सरकार, पंजाब सरकार व ट्रैफिक पुलिस विंग निरंतर लोगों को मौखिक तौर पर सड़क हादसों से बचने आदि पर कई सैमीनार इत्यादि करवाती रहती है जिसकी बड़ी-बड़ी खबरें सुर्खियां बनकर मीडिया में आती रहती हैं, लेकिन जो कार्य जनहित में करना चाहिए वह होता दूर तक भी दिखाई नहीं दे रहा है।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!