नाभा जेल ब्रेक कांड : खतरनाक गैंगस्टर विक्की गौंडर के विदेश भाग जाने की संभावना

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 02:05 PM

vicky gounder gangster

7 नवम्बर 2016 को नाभा जेल में हुई भारी गोलीबारी के दौरान फिल्मी स्टाइल में खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ.) के प्रमुख हरमिंद्र सिंह मिंटू, खतरनाक गैंगस्टर हरजिंद्र सिंह उर्फ विक्की गौंडर और कुलप्रीत सिंह नीटा दयोल समेत 6 हवालातियों को 4 वाहनों...

नाभा(जैन): 27 नवम्बर 2016 को नाभा जेल में हुई भारी गोलीबारी के दौरान फिल्मी स्टाइल में खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स (के.एल.एफ.) के प्रमुख हरमिंद्र सिंह मिंटू, खतरनाक गैंगस्टर हरजिंद्र सिंह उर्फ विक्की गौंडर और कुलप्रीत सिंह नीटा दयोल समेत 6 हवालातियों को 4 वाहनों में आए बदमाश सिर्फ 12 मिनट में ही छुड़ा कर ले गए थे, जिनमें मिंटू, नीटा, गुरप्रीत सेखों, अमनदीप (चारों फरार हवालाती) समेत 29 दोषियों की गिरफ्तारी पिछले 13 महीने 8 दिनों दौरान पुलिस कर चुकी है परंतु खतरनाक गैंगस्टर विक्की गौंडर और आतंकवादी कश्मीर सिंह का कोई अता-पता नहीं लगा। 

नाभा जेल ब्रेक कांड के दौरान 100 राऊंड फायरिंग हुई थी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी थी जबकि पंजाब सरकार ने एस.आई.टी. का गठन ए.डी.जी.पी. की निगरानी में किया था। उस समय के डिप्टी सी.एम. सुखबीर बादल ने कहा था कि जेल ब्रेक के पीछे पाक का हाथ है जबकि कै. अमरेंद्र सिंह ने कहा था कि नाभा जेल ब्रेक कांड में बादल सरकार की मिलीभगत से इंकार नहीं। जेल ब्रेक कांड के बाद 3-4 दिन लगातार ए.डी.जी.पी. रोहित चौधरी, ए.डी.जी.पी. प्रमोद कुमार, आई.जी. उमरानंगल और अन्य सीनियर अधिकारी यहां काफी सक्रिय रहे थे परन्तु अब देखने में आया है कि छोटे अधिकारी ही भाग-दौड़ कर रहे हैं। विक्की गौंडर के विदेश भाग जाने की प्रबल संभावना है, जिस कारण विक्की और कश्मीर सिंह का सुराग नहीं मिल रहा जबकि जेल में लगे हुए करोड़ों रुपए के जैमर के बावजूद जेल ब्रेक कांड से कुछ घंटे पहले जेल में से खतरनाक गैंगस्टर सेखों ने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाला था कि ‘काम ऐसा करो कि नाम हो जाए, या नाम ऐसा करो कि नाम लेते ही काम हो जाए’।

उक्त भगौड़े जेल में रहते हुए भी सोशल नैटवर्किंग साइट्स पर सक्रिय थे और अपनी, फोटो, मैसेज अपलोड करते रहते थे। अब भी जेल अधिकारी यही कहते हैं कि जैमर 4-जी के अनुसार अपडेट नहीं है यानी सरकार ने 13 महीनों बाद भी सबक नहीं लिया। उस समय जेल ब्रेक कांड की जांच में सामने आया था कि 55 लाख रुपए की डील होने के बाद बाहर से मुहैया करवाए गए 4-जी सिम को इस्तेमाल करके स्काइप पर जेल में बंद गैंगस्टर बाहरी सथियों के साथ बातचीत करते थे। जेल ब्रेक कांड से लगभग 12 घंटे पहले जेल में बंद गैंगस्टर और यू.पी. में से गिरफ्तार किए पिंदा के बीच स्काइप पर वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के द्वारा 18 मिनट बातचीत हुई थी परंतु पंजाब पुलिस और गृह मंत्रालय ने अभी तक भी जैमर अपडेट करने के लिए कोई सबक नहीं सीखा। मजे की बात है कि मैक्सीमम सिक्योरिटी जेल में इस समय डेढ़ दर्जन आतंकवादियों, अनेक गैंगस्टरों, टारगेट किङ्क्षलग मामलों में नामजद हवालाती के अलावा अन्य अपराधी भी बंद हैं। वार्डनों/हैड वार्डनों की अनेक पोस्टें खाली पड़ीं हैं। मोबाइलों का प्रयोग धड़ल्ले के साथ अब भी हो रहा है परंतु समझ से बाहर है कि जेलों में लगे जैमरों को गृह मंत्रालय/पंजाब सरकार 4-जी के अनुसार अपडेट क्यों नहीं करवा रहा। क्या किसी और वारदात का इंतजार है?

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