गांव-शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक कायम, खौफ के साए लोग

Edited By Urmila,Updated: 19 Feb, 2024 02:29 PM

terror of stray dogs continues on the streets of villages and cities

प्रदेश में गांवों में आवारा कुत्तों का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों जालंधर और अन्य कई जिलों के अंदर छोटे बच्चों को नोच-नोच खाने के कई मामले सामने आए हैं।

पटियाला : प्रदेश में गांवों में आवारा कुत्तों का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों जालंधर और अन्य कई जिलों के अंदर छोटे बच्चों को नोच-नोच खाने के कई मामले सामने आए हैं, परन्तु फिर भी प्रसाशन की तरफ से कोई भी पुख्ता कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। हड्डारोड़ी वाले कुत्तों का काटना इतना खतरनाक होता है कि नौजवान व्यक्ति को भी नहीं बख्शते। प्रदेश में सैंकड़ों घटनाएं आवारा कुत्तों के काटने की हो रही हैं पर प्रशासन और सरकार द्वारा इन कुत्तों पर काबू पाने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
 

गांव बर्स्ट में दूसरी बार खूंखार कुत्तों के कहर कारण घटी घटना

गांव बर्स्ट में खूंखार हड्डारोड़ी वाले कुत्तों के कहर कारण दूसरी घटना दौरान बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी है। लिहाजा पिछले कई साल पहले एक हाथ काटे व्यक्ति महेन्दर सिंह को भी कुत्तों ने घेर कर जख्मी किया था, जिस की जख्मों की ताब न बरदाश्त करते हुए इसकी मौत हो गई थी। परन्तु प्रसाशन ने कोई सबक नहीं लिया। गांव में लगातार दो घटनाएं घटने पर गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। समूचे गांव वासियों का कहना है कि यदि खूंखार हड्डारोड़ी वाले कुत्तों का इस तरह ही कहर जारी रहा तो समूचे गांव वासियों समेत बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो जायेगा।

खूंखार कुत्तों की नसबंदी और शेल्टर होम का प्रबंध करे सरकार

प्रदेश में आवारा कुत्तों की भरमार दिनों दिन बढ़ती जा रही है, जिस को रोकना समय की मुख्य जरूरत बन गई है। जिस को लेकर आम लोग खौफ के साए के नीचे जीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इन आवारा कुत्तों की न तो नसबंदी और न ही शेल्टर होम नहीं किया जा रहा। जिस कारण लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि प्रदेश अंदर बहुत सी घटनाएं आवारा कुत्तों के काटने कारण घट चुकी हैं। जिन में कईयों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है, वहां ही पिछले समय दौरान कुत्तों की नसबंदी करने के लिए सरकार की तरफ से पुख्ता कदम उठाए जाते थे और आवारा कुत्तों के हलका और काटने से बचने के लिए इन को जीवन से मुक्त किया जाता था। जिस का पूर्व केंद्र मंत्री मेनका गांधी की तरफ से विरोध करने पर यह स्कीम को बंद कर दिया गया, परन्तु खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

एस.डी.एम. पटियाला कुत्तों संबंधी समूचे विभागों से लें रिपोर्ट : डी.सी.

जिला पटियाला के श्हारी और देहाती क्षेत्र में अलग अलग नगर कौंसल कमेटीयों और पंचायतों से आवारा कुत्तों संबंधी समूची रिपोर्ट लेने के लिए एस.डी.एम. पटियाला अरविंद कुमार को तैनात किया गया है ताकि आवारा कुत्तों द्वारा हो रही घटनाओं को रोका जा सके। इस संबंधी बातचीत करते हुए डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे ने कहा कि बरसट में 11 वर्षीय बच्चे की आवारा कुत्तों द्वारा मौत के मामले में एस.डी.एम. पटियाला अरविंद कुमार जांच करेंगे ताकि पीड़ित परिवार को राहत दी जा सके। वहीं जिला पटियाला में आवारा कुत्तों को लेकर समूची रिपोर्ट बनाई जाएगी ताकि लोगों को राहत मिले।

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