Edited By Updated: 27 Jul, 2016 05:23 PM
कभी आपने देखी है छोटी सी टीचर...
पटियालाः कभी आपने देखी है छोटी सी टीचर, नहीं देखी तो आपको 11 साल की टीचर पटियाला के समाना ब्लॉक के गांव बल्लमगढ़ में दिख जाएगी। गांव के इस पहली से पांचवीं तक के एलीमेंट्री स्कूल में कुल 43 स्टूडेंट हैं। इन्हें पढ़ाती है 11 साल की सोनिया। स्कूल की अकेली टीचर और पांचवीं की स्टूडेंट भी। वह शौकिया तौर पर टीचर नहीं बनी,बल्कि मजबूरी है।
मार्च में इस स्कूल के एकमात्र टीचर सतगुरु सिंह का निधन हो गया। उसके बाद से सरकार ने कोई टीचर नहीं लगाया। गांववाले कई बार जिला शिक्षा अधिकारी के पास गए,लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। स्कूल एक माह बंद रहा। बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही थी। यह देख पंचायत ने स्कूल की सबसे होनहार स्टूडेंट को ही टीचर बनाने का फैसला किया।
पांचवीं कक्षा में सोनिया सहित 2 छात्र हैं।उनमें से गांव के ही किसान की बेटी सोनिया को चुना गया। उसने पढ़ाना शुरू किया तो सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को संभालने में हुई।
पंचायत ने बच्चों को काबू करने के लिए दो बुजुर्गों की ड्यूटी लगा दी। वह लाठी लेकर क्लास में बैठते हैं। उनके डर से बच्चे चुप रहते हैं। यही नहीं मिड-डे मील में भी गांव के लोग ही मदद करते हैं जिसके बाद बच्चों को दोपहर में खाना खिलाया जाता है। पिछले 4 माह से सोनिया ही यहां टीचर है। इस संबंधी जिला शिक्षा अधिकारी बहादुर सिंह ने कहा कि जब सरकार के पास टीचर हैं ही नहीं तो वह टीचर कहां से लाएं। पटियाला जिले में ही 149 स्कूलों में टीचर नहीं हैं। इस मामले में जब शिक्षामंत्री दलजीत सिंह चीमा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करवाएंगे। वैसे जहां टीचर नहीं हैं, वहां आसपास के स्कूलों से टीचर भेजकल वैकल्पिक व्यवस्था करवाई जाती है।