Edited By Updated: 22 Nov, 2015 11:51 PM
नगर निगम की तरफ से प्रापर्टी टैक्स संबंधी स्थानीय निकाय विभाग को जो रिपोर्ट भेजी गई थी, उस पर शंका जताते हुए...
पटियाला(राजेश): नगर निगम की तरफ से प्रापर्टी टैक्स संबंधी स्थानीय निकाय विभाग को जो रिपोर्ट भेजी गई थी, उस पर शंका जताते हुए विभाग ने निगम को फटकार लगाई है।
विभाग के सचिव ने नगर निगम को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि निगम ने जो रिपोर्ट सरकार के पास भेजी है वह तथ्यों के विपरीत है और रिपोर्ट में जो आंकड़े बताए गए हैं, वह सही नहीं हैं। निगम की तरफ से भेजी गई इस रिपोर्ट का सरकार ने गंभीर नोटिस लेते हुए नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह दोबारा रिपोर्ट तैयार कर सही रिपोर्ट सरकार के पास भेजे।
विभाग के सचिव ने नगर निगम को कहा है कि निगम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि वर्ष 2014-15 में मात्र 29,000 जायदादों से ही प्रापर्टी टैक्स वसूला है, जबकि 2015-16 में अभी तक मात्र 15,340 प्रापर्टी टैक्स की रिटर्नें निगम के पास पहुंची हैं। विभाग ने निगम से पूछा है कि क्या नगर निगम प्रापर्टी टैक्स वसूलने के लिए अपने स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा?
विभाग के सचिव ने कहा कि एक तरफ नगर निगम आॢथक मंदहाली से जूझ रहा है जबकि दूसरी तरफ नगर निगम करोड़ों रुपए का प्रापर्टी टैक्स नहीं वसूल रहा। निगम ने अपने बजट में प्रापर्टी टैक्स की वसूली का जो टारगेट रखा था निगम उससे काफी पीछे चल रहा है।
सचिव ने निगम कमिश्नर को आदेश दिए हैं कि प्रापर्टी टैक्स की वसूली में तेजी लाई जाए। जिन लोगों की तरफ से 10 हजार से अधिक की राशि बकाया खड़ी है, उनसे वसूली यकीनी बनाए जाए और जो लोग टैक्स न भरें उनके खिलाफ प्रापर्टी टैक्स एक्ट की धारा 138 के तहत कार्रवाई की जाए। निगम इस मामले में 15 दिनों के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजे कि उसने प्रापर्टी टैक्स की वसूली के लिए क्या कदम उठाए हैं?