परनीत कौर की ला-मिसाल जीत में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र की ‘चेतावनी’ का अहम योगदान

Edited By Vatika,Updated: 24 May, 2019 12:24 PM

parneet kaur won from patiala seat

परनीत कौर पटियाला लोकसभा हलके से लगातार 5वीं बार चुनाव लड़ीं और अब चौथी बार जीती हैं। इस बार उनकी डेढ़ लाख से अधिक वोटों के साथ जीत में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की तरफ से वोटों से कुछ समय पहले समूचे मंत्रियों और विधायकों को दी गई ‘चेतावनी’ का...

पटियाला (राजेश): परनीत कौर पटियाला लोकसभा हलके से लगातार 5वीं बार चुनाव लड़ीं और अब चौथी बार जीती हैं। इस बार उनकी डेढ़ लाख से अधिक वोटों के साथ जीत में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की तरफ से वोटों से कुछ समय पहले समूचे मंत्रियों और विधायकों को दी गई ‘चेतावनी’ का अहम योगदान रहा। 

अमरेंद्र सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि जिस मंत्री के हलके में से लीड घटी उस की छंटनी की जाएगी और विधायकों पर भी यही फार्मूला लागू होगा, जिस कारण मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री के जिले के समूचे विधायकों और हलका इंचार्जों ने परनीत कौर को जिता दिया।पटियाला लोकसभा हलके में कुल 9 विधान सभा हलके पड़ते हैं, जिनमें 8 हलके जिला पटियाला के और 9वां हलका डेराबस्सी जिला मोहाली में पड़ता है। मुख्यमंत्री के जिला पटियाला के आठों विधानसभा हलकों में परनीत कौर को लीड मिली। पटियाला में जहां मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह पटियाला शहरी हलके के विधायक हैं, वहीं सरकार में नंबर 2 मंत्री ब्रह्म महिंद्रा पटियाला देहाती हलके से विधायक हैं। कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत नाभा हलके से विधायक हैं। पंजाब में कैबिनेट रैंक की चेयरमैनी का आनंद ले रहे और सनौर हलके से 6 बार विधायक रहे पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह का समाना, सनौर के साथ-साथ पटियाला के और कई हलकों में गहरा आधार है। 

समाना हलका अकाली-भाजपा गठजोड़ के उम्मीदवार सुरजीत सिंह रखड़ा की कर्मभूमि रहा है। यहां से वह 2002 में विधायक बने थे। 2007 में बेशक चुनाव हार गए परन्तु अकाली सरकार ने उन को जिला प्लानिंग बोर्ड का चेयरमैन लगा दिया, जिस कारण सुरजीत सिंह रखड़ा ने प्लाङ्क्षनग बोर्ड का समूचा पैसा हलका समाना में लगवाया और 2012 में वह विधायक बनने में कामयाब रहे। 2012 वाली बादल सरकार में वह पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे परन्तु 2017 में लाल सिंह के पुत्र ने रखड़ा को करारी हार दी। इस बार रखड़ा ने समाना में पूरा जोर लगा कर रखा और 80 प्रतिशत चुनाव प्रचार अपने हलके में किया, फिर भी राजनीति के दिग्गज लाल सिंह परिवार के आगे कुछ न चला और समाना से भी रखड़ा को हार का सामना करना पड़ा। पंचायत चुनाव दौरान गांवों में समाना हलके में कोई धक्केशाही नहीं हुई, जिसका लाभ विधायक रजिंद्र सिंह को मिला। देहाती हलके से 2017 की विधानसभा चुनाव से अधिक परनीत कौर को लीड मिली।

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